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    Moradabad Fake Marksheet: फर्जी मार्कशीट सिंडिकेट का खुलासा, हरदोई के इंस्टीट्यूट में बच्चे ले रहे थे कोचिंग

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 09:31 AM (IST)

    अटल बिहारी पैरामेडिकल हेल्थ एंड साइंस के डायरेक्टर पर लाखों रुपये लेकर फर्जी मान्यता देने का आरोप है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता अमरेंद्र शर्मा ने धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद सच्चाई सामने आएगी। छात्रों को प्रवेश से पहले संस्थानों की मान्यता जांचने की सलाह दी गई है।

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    हरदोई के इंस्टीट्यूट में शहर के साथ आसपास के भी बच्चे ले रहे थे कोचिंग

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मुरादाबाद समेत प्रदेश के 21 शहरों में फर्जी मार्कशीट का सिंडिकेट चल रहा है। अटल बिहारी पैरामेडिकल हेल्थ एंड साइंस के डायरेक्टर के विरुद्ध लाखों रुपये लेकर हरदोई के इंस्टीट्यूट को मान्यता दी थी। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपितों के मोबाइल नंबर बंद जा रहे हैं।

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    अमरेंद्र शर्मा के अनुसार, छात्र-छात्राओं को फर्जी मार्कशीट थमाने के अलावा इनके द्वारा दी गई स्वीकृति वाले जौनपुर में दो, रामपुर में दो, शाहजहांपुर में दो, बरेली में एक और मुंबई में एक इंस्टीट्यूट संचालित है। वहीं पुलिस का दावा है कि वादी और आरोपितों से पूछताछ के बाद सच्चाई सामने आएगी।

    पंडित नगला में इंस्टीट्यूट बिल्डिंग के आसपास के लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। इसमें उन्हें बच्चे तो आते-जाते दिखाई दिए लेकिन, हकीकत क्या है इसका किसी को कुछ पता नहीं है।

    पुलिस के अनुसार, वादी और आरोपित से पूछताछ के बाद सामने आएगी सच्चाई

    शिकायतकर्ता अमरेंद्र शर्मा ने शनिवार को डायरेक्टर चंद्रमोहन सक्सेना, संजय गोस्वामी समेत दो नामजद और अज्ञात के विरुद्ध धोखाधड़ी कर रकम हड़पने, जालसाजी, धमकी देने की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। रविवार को पंडित नगला में इंस्टीट्यूट पर ताला लगा था। पास-पड़ोस के लोगों ने इंस्टीट्यूट के बारे में जानकारी से इंकार किया। वहां के रहने वाले तौफीक अहमद बोले, बच्चे तो पढ़ाई के लिए आते-जाते दिखाई दिए। लेकिन, धोखाधड़ी वाली बात का कुछ नहीं पता है।

    अटल बिहारी पैरामेडिकल हेल्थ एंड साइंस बिल्डिंग की पड़ोसियाें को नहीं जानकारी

    हरदोई निवासी पीड़ित एवं इंस्टीट्यूट संचालक ने आरोपित के विरुद्ध कटघर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने अटल बिहारी पैरामेडिकल हेल्थ एंड साइंस से कुसुमा देवी नर्सिंग इंस्टीट्यूट की मान्यता ली थी। आरोप है कि अटल बिहारी पैरामेडिकल हेल्थ साइंस संस्था का डायरेक्टर कटघर बीच निवासी चंद्रमोहन सक्सेना है। चंद्रमोहन सक्सेना ने मान्यता के लिए सात लाख रुपये लिए थे।

    मान्यता देने के बाद उनकी संस्था में सीएमएसइडी के 41 और एएनएम के 25 छात्र-छात्राओं से 25 हजार रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से फीस ली थी। फिलहाल पुलिस रविवार को किसी से पूछताछ नहीं कर पाई है। सोमवार को वादी और आरोपितों को बुलाया गया है। दोनों से बातचीत करने के बाद स्थिति साफ होगी। जांच के तथ्यों के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।

    यह है प्रक्रिया

    डी फार्मा में प्रवेश के लिए यूपी के विद्यार्थियों को 2022 से संयुक्त प्रवेश परीक्षा उत्तर प्रदेश जेईईसीयूपी का टेस्ट देना अनिवार्य है, जो कालेज उत्तर प्रदेश में डी फार्मा कोर्स कराते हैं वह अवश्य ही बीटी से अप्रूव्ड होते हैं। बीटी का मतलब बोर्ड आफ टेक्निकल एजुकेशन से है।

    कोचिंग संचालक मो. ताहिर के अनुसार, अगर उत्तर प्रदेश का कोई भी कालेज डी फार्मा कराता है तो वह बीटी एप्रूव्ड होगा। उसको एक कोड भी दिया गया होगा जो बीटी की साइट पर जाकर विद्यार्थियों द्वारा चेक किया जा सकता है। कब के टेस्ट में सम्मिलित होने के लिए विद्यार्थियों को साइंस से इंटर करना अनिवार्य है। वह भी 50 प्रतिशत अंकों से अधिक हो, इंटर से बायोलाजी व मैथ कुछ भी हो सकता है। अब यह व्यवस्था यूपी, पंजाब, मध्य प्रदेश जैसे प्रदेशों में कर दी है। लेकिन, अभी भी कुछ प्रदेश ऐसे हैं जो बगैर जेईईसीयूपी टेस्ट के डी फार्मा में प्रवेश दे देते हैं।

    इन राज्यों में अभी भी लागू नहीं हुआ

    उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश आदि प्रदेशों में अभी नहीं लागू हुआ है। इस वर्ष 2025 में जीएनएम का भी एंट्रेंस एग्जाम लागू किया गया जिसको कंबाइन नर्सिंग टेस्ट सी नेट एग्जाम का नाम दिया गया। इसी तरह कुछ यूनिवर्सिटी अभी भी विद्यार्थियों को डायरेक्ट एडमिशन दे सकती हैं। उसके लिए भी उनको एक टेस्ट लेना पड़ता है। उसके बाद यूनिवर्सिटी में डायरेक्ट एक एग्जाम लेकर विद्यार्थी का डी फार्मा में प्रवेश दे सकते हैं। बीएएमएस जैसे चिकित्सा कोर्स के लिए भी नीट में प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य है। उसके बाद कट ऑफ मेरिट पास करने के बाद ही काउंसिलिंग में सम्मिलित होने के बाद ही आप किसी कालेज में प्रवेश ले सकते हैं।

    रजिस्ट्रेशन की है प्रक्रिया

    जनरल की कट ऑफ मेरिट 144 नंबर पर और ओबीसी की लगभग 113 नंबर पर गई थी। डी फॉर्मा और बी फॉर्मा कोर्स करने वाले विद्यार्थी हमेशा इस बात का ध्यान रखें क्योंकि कोर्स करने के बाद उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल से आपका रजिस्ट्रेशन होना होता है। जो कि लखनऊ में है। उसके बाद ही कोर्स का रजिस्ट्रेशन हो पाता है।

    एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि इस प्रकरण की बारीकी से जांच कराई जाएगी। जांच के हिसाब से कार्रवाई होगी।

    जो छात्र प्राइवेट संस्थानों में प्रवेश ले रहे हैं वह पहले फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया की वेबसाइट पर जाकर उस संस्थान की मान्यता चेक करें कि उन्हें काउंसिल ने मान्यता दी है या नहीं। सिर्फ रुपया देकर कालेज से डिग्री या डिप्लोमा ले रहे हैं। वह सचेत हो जाएं कि 2023-24 के बैच के छात्रा-छात्राओं का एग्जिट एग्जाम होगा। फिलहाल ऐसे विद्यार्थियों को सिर्फ एक साल का ही रजिस्ट्रेशन फार्मेसी काउंसिल कर रही है। जब वह रिनुवल कराने के लिए तो उनका रिनुअल तभी होगा जब वह एग्जिट एग्जाम दे देंगे। विद्यार्थी ऐसे संस्थानों में प्रवेश लें जहां शिक्षा का स्तर गुणवत्ता वाला हो। संदीप बडोला, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल