मुरादाबाद ई-टेंडर प्रक्रिया में धांधली, नियमों को ताक पर रखकर चहेतों काे दे दिये काम
मुरादाबाद में कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएनडीएस) में ई-टेंडर प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगा है। एक फर्म ने शिकायत की है कि आठ प्रतिशत बिलो टेंडर डालने के बावजूद उन्हें काम नहीं मिला जबकि एक प्रतिशत बिलो वाली फर्म को काम सौंप दिया गया। कमिश्नर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

अनुज मिश्र, जागरण, मुरादाबाद कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएनडीएस) में ई-टेंडर प्रक्रिया में खेल उजागर हुआ है। आरोप है कि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के बाद भी चहेतों को काम दिये जा रहे हैं और पात्रता वालाें को किनारे किया जा रहा है।
हैरानी यह है कि आठ प्रतिशत बिलो टेंडर डालने वाली फर्म काम के लिए इंतजार करती रह गई और एक प्रतिशत बिलो वाली फर्म को काम सौंप दिया गया। जिसके बाद फर्म प्रोपराइटर ने सीएनडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया और कमिश्नर को चल रहे खेल का बिंदुवार चिट्ठा सौंपा।
आरोप, आठ प्रतिशत बिलो वाला करता रह गया इंतजार, एक प्रतिशत वाले पर बरसी कृपा
इस पर कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने अधीक्षण अभियंता आरईडी/प्राविधिक परीक्षक (टीएसी) को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है। उन्होंने सीधे तौर पर लिखा कि यह प्रकरण भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। ऐसे में उच्च प्राथमिकता पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए।
कमिश्नर ने अधीक्षण अभियंता आरईडी/प्राविधिक परीक्षक (टीएसी) को सौंपी प्रकरण की जांच
फर्म आरएस चौधरी ट्रेडर्स के रविंद्र सिंह प्रोपराइटर हैं। फर्म की ओर से ही उन्होंने कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज के प्रोजेक्ट मैनेजर पर ई-निविदा में की जा रही मनमानी एवं धांधली का आरोप लगाकर कमिश्नर से शिकायत की। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट मैनेजर पूर्व में गाजियाबाद में नियुक्त रह चुके हैं। उनके द्वारा गाजियाबाद से लाए गए अपने नजदीकी ठेकेदारों को ही कार्य आवंटित किया जा रहा है।
ठेकेदार को कार्य आंवटित कर दिया
आरएस चौधरी ट्रेडर्स की ओर से निविदा संख्या-2025 यूपीसीडीएस 1057346-1 एवं 2025 यूपीसीडीएस 1056150-1 में आठ प्रतिशत बिलो डाले गए थे जबकि दूसरी फर्म ने एक प्रतिशत बिलो निविदा डाली थी। बावजूद प्रोजेक्ट मैनेजर ने आरएस चौधरी ट्रेडर्स को रिजेक्ट कर अपने नजदीकी ठेकेदार को कार्य आवंटित कर दिया। यह तब किया गया जब पूर्व में इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर फर्म को काम आवंटित किया गया है।
सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रोजेक्ट मैनेजर घूस लेकर अपने नजदीकी ठेकेदार को काम आवंटित कर रहे हैं जिससे ई-निविदा प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। प्रकरण की टीएसी से जांच कराने के साथ गलत तरीके से आवंटित कार्य वाली फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की।
प्रकरण गंभीर होने के चलते कमिश्नर ने ना सिर्फ अधीक्षण अभियंता आरईडी/प्राविधिक परीक्षक (टीएसी) को जांच सौंपी। वरन यह भी कहा कि आरोप सत्य पाए जाने की स्थिति में संबंधित प्रोजेक्ट मैनेजर के विरुद्ध उप्र सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956, अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 के अंतर्गत कार्यवाही की जाए।
निकले थे चार काम, आपत्ति पर दो कर दिये कैंसिल
आरएस चौधरी ट्रेडर्स के रविंद्र सिंह प्रोपराइटर रविंद्र सिंह ने बताया कि चार काम निकले थे जिसमें आपत्ति के बाद दो काम तो कैंसिल कर दिये गए। मगर, 93 लाख व 34 लाख के दो काम आवंटित कर दिये गए। 34 लाख का काम देहरादून की एक फर्म को दिया गया है जबकि 93 लाख का काम लखनऊ की एक फर्म को सौंपा गया है।
यह होती है बिलो प्रक्रिया
बिलो का आशय सीधे तौर पर इस बात से है कि निकाली गई निविदा पर ठेकेदार जब काम के लिए आवेदन करते हैं तो यह देखा जाता है कि तय धनराशि के एवज में वह काम सबसे कम रेट पर कौन कर सकता है? जो सबसे बिलो रेट पर टेंडर डालता है, अंत में उसी को काम आवंटित किया जाता है। लिहाजा, आठ प्रतिशत बिलो के बाद एक प्रतिशत बिलो वाली फर्म को काम आवंटित करने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
आरोप-महाप्रबंधक बोले, प्रोजेक्ट मैनेजर से बात नहीं की थी क्या?
रविंद सिंह ने बताया कि प्रकरण में सीएनडीएस के जीएम शुभेंद्र चौधरी से मिला। उन्हें बताया कि हमनें आठ प्रतिशत बिलो टेंडर डाला। जिसने एक प्रतिशत बिलो डाला, उसे टेंडर दे दिया गया। इस पर जीएम ने कहा कि टेंडर डालने से पहले प्रोजेक्ट मैनेजर से बात की थी कि नहीं। इस पर कहा कि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया है। इसमें तो कोई भी टेंडर डाल सकता है। बात क्या करनी? तब जीएम ने जवाब दिया कि टेंडर डालने से पहले यूनिट के प्रोजेक्ट मैनेजर से बात करनी जरूरी है। सुनवाई ना होने के बाद ही कमिश्नर से मिलकर शिकायत की।
ऐसी किसी शिकायत की बात हमारे संज्ञान में नहीं है। यदि कोई शिकायत हुई है तो अपना पक्ष रखा जाएगा। - रजनीश जायसवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर, सीएनडीएस
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