मुरादाबाद ऑनलाइन विधिक राय देने में लगातार तीसरी बार बना नंबर वन, देखें अन्य जिलों की रैंक
Online Legal Opinion Rank आनलाइन विधिक राय देने के मामले में मुरादाबाद एक बार फिर नंबर वन पायदान काबिज है। यह तीसरी बार है जब मुरादाबाद को मंडल में पहला और राज्य में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं बरेली को राज्य में 15वां स्थान प्राप्त हुआ है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Online Legal Opinion Rank : आनलाइन विधिक राय देने के मामले में मुरादाबाद एक बार फिर नंबर वन पायदान काबिज है। यह तीसरी बार है, जब मुरादाबाद को मंडल में पहला और राज्य में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं, बरेली को राज्य में 15वां स्थान प्राप्त हुआ है। मुरादाबाद अभियोजन विभाग ने दो लाख 33 हजार मामलों में आनलाइन विधिक राय देने का काम किया है। लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर अभियोजन विभाग ने शासकीय अधिवक्ता, पुलिस अफसरों के साथ ही स्थानीय अभियोजन विभाग के सभी अधिकारियों की बधाई दी है।
अपराधियों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्हें सजा दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी अभियोजन विभाग की होती है। पुलिस को साक्ष्य संकलन के साथ ही न्यायालय में अपराधियों को सजा दिलाने में बड़ी भूमिका होती है। ऐसे में चार्जशीट दाखिल होने से पहले पुलिस अभियोजन विभाग से विधिक अभिमत लेने के बाद कमियों को दूर करनी है। मुरादाबाद के बीस थाना क्षेत्रों में सभी मामलों में विधिक अभिमत लेना अनिवार्य है।
अभियोजन विभाग के प्रमाण पत्र के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होती है। जबकि, अन्य जनपदों में केवल जरूरत पड़ने पर ही विधिक अभिमत लिया जाता है। इसी के चलते बीते तीन वर्षों से मुरादाबाद का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है। अभियोजन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की सख्ती के बाद सभी थाना प्रभारी सीसीटीएनएस के माध्यम से विधिक राय लेते हैं। विभाग की ओर से भी राय देने में देरी नहीं की जाती है।
बीते एक साल में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें 24 घंटे में विधिक अभिमत लेने के साथ ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। बीते सप्ताह अभियोजन विभाग से सभी जनपदों की रैंकिंग जारी की गई थी। इसमें चार लाख दो हजार 853 विधिक अभिमत के साथ लखनऊ नंबर एक के पायदान पर है। जबकि, दूसरे पर आगरा, तीसरे पर गाजियाबाद और चौथे स्थान पर मुरादाबाद का नाम है। हालांकि, अन्य महानगरों के मुकाबले मुरादाबाद का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ है।
राज्य के टाप टेन जनपद
जनपद नाम विधिक अभिमत
लखनऊ दो लाख दो हजार
आगरा तीन लाख एक हजार
गाजियाबाद दो लाख 83 हजार
मुरादाबाद दो लाख 33 हजार
नोएडा दो लाख 10 हजार
प्रयागराज एक लाख 90 हजार
मेरठ एक लाख 85 हजार
सहारनपुर एक लाख 80 हजार
बस्ती एक लाख 77 हजार
सीतापुर एक लाख 60 हजार
क्या कहते हैं अधिकारीः मुरादाबाद के संयुक्त अभियोजन निदेशक राजेश कुमार शुक्ल ने बताया कि पुलिस विभाग में थाना स्तर पर कार्यप्रणाली में लगातार सुधार हुआ है। जिसके चलते सौ फीसद मामलों में आनलाइन विधिक अभिमत लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसी के चलते हमारा प्रदर्शन बेहतर है। आगे भी यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी।
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