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    मुरादाबाद के एएसपी मैजिक चलाकर पहुंचे ढाबे पर, चाय पी और खाना भी खाया, सात घंटे में एल्कोहल चोरी मामले का पर्दाफाश

    By Narendra KumarEdited By:
    Updated: Tue, 09 Feb 2021 07:41 AM (IST)

    स्विफ्ट कार में कैन रखकर संजय और बंटी बेचने के लिए ले जाते थे। छह हजार रुपये में ट्रक ड्राइवर से पांच कैन खरीदी जाती थीं। आगे यही कैन दस हजार रुपये में अवैध शराब बनाने वालों को बेच दी जाती। पचास हजार का सौदा छह हजार में पक्का होता।

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    आठ बजे से पुलिस टीम का चयन करने के साथ ही ऑपरेशन की रणनीति बनाई।

    मुरादाबाद, जेएनएन। स्पेशल टॉस्क फोर्स के साथ मिलकर जनपद की पुलिस ने एल्कोहल चोरी के मामले का पर्दाफाश किया गया है। करीब सात घंटे तक स्थानीय पुलिस आरोपितों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन मोड में रही। इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए 18 पुलिस कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इन पुलिस कर्मियों को दो टीमों में बांटा गया था। टीम को लीड करने की जिम्मेदारी एएसपी अनिल कुमार यादव को सौंपी गई थी। शाम करीब आठ बजे से पुलिस टीम का चयन करने के साथ ही ऑपरेशन की रणनीति बनाई।

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    सिविल लाइंस थाना पुलिस के साथ ही मझोला थाना पुलिस के कुछ जवानों को बुलाया गया था। टीम तैयार होने के बाद उसको लीड करने की जिम्मेदारी एएसपी अनिल कुमार यादव को मिली। एसटीएफ के एसआइ राघवेंद्र सिंह और मुख्य आरक्षी नितिन टीम में शामिल रहे। रव‍िवार रात करीब साढ़े 11 बजे ही ऑपरेशन स्थल अगवानपुर में पुलिस और एसटीएफ की टीम सिविल ड्रेस में पहुंच गई थी। पुलिस कर्मियों को ढाबे तक जाने के लिए मैजिक सवारी वाहन को लाया गया। एएसपी टाटा मैज‍िक को चला रहे थे जबक‍ि सभी पुलिस कर्मी आम सवारियों की तरह कपड़े पहनकर मैजिक वाहन में बैठे हुए थे। रात करीब 11 बजे अगवानपुर स्थित सैनी दून ढाबे में गाड़ी लगाकर चाय-पानी के साथ ही खाना भी खाया। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने ऐसा माहौल रखा कि कोई भी उन पर शक न करें। ढाबे पर बैठी टीम इस दौरान टैंकर से ईएनए निकालने से लेकर जरीकेन भरने और स्विफ्ट कार में लादते समय तक पैनी नजर बना कर रखी, ताकि आराेपितों को रंगे हाथ पकड़ा जा सके।

    ढाबा संचालक की मिलीभगत से होता था खेल

    पुलिस ने बताया कि ढाबा संचालक की मिलीभगत से इस काम को अंजाम दिया था। मुरादाबाद में भगतपुर थाना क्षेत्र के निवाड़ खास निवासी संजय सिंह, कटघर के बल्देवपुरी का बंटी और अमरोहा के हसनपुर के गांव महरपुर गुज्जर निवासी मनवीर सिंह इस गिरोह को चला रहे थे। गिरोह के तीनों सदस्यों ने आजाद टैंकर कंपनी के चालक गुरुदेव सिंह और खलासी मनजीत सिंह से मिल कर खरीदारी का सौदा तय किया। अगवानपुर के सैनी ढाबा का संचालक रमेश सैनी भी इस खेल में मिला था। जब भी ढाबे में टैंकर से कैन भरी जाती तो उसे तीन हजार रुपये मिलते। चौकीदार को रोड पर निगरानी करने के लिए एक हजार रुपये द‍िए जाते थे। बिहार से टैंकर जब चंडीगढ़ के लिए निकलता था उसी समय चालक आरोपित खरीदार संजय, बंटी को जानकारी दे देता है। अगवानपुर ढाबे पर मालिक के साथ ही तीनों आरोपित बैठते थे। इसके बाद संजय ट्रक के ऊपर चढ़कर प्लास्टिक का पाइप टैंकर में डालकर ईएनए निकाल कर कैन भरता था। 

    ये होता है एक्स्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल

    एसटीएफ के द्वारा पकड़े गए एक्स्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल एक स्प्रिट होता है। इसे अंग्रेजी शराब बनाने में प्रयोग किया जाता है। इसमें 65 से 95 प्रतिशत तक एल्कोहल की मात्रा होती है। अंग्रेजी शराब में इससे बहुत कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है। अगर नकली शराब बनाने वाले इसकी मात्रा बढ़ा देते हैं तो शराब जहरीली हो जाती है।