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    मुरादाबाद में 'रोहिंग्या' अलर्ट: पहचान छिपाकर बने मतदाता, SIR शुरू होते ही गांव छोड़कर भागे

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 10:54 PM (IST)

    - एसआइआर शुरू होते ही गांव छोड़कर भागे लोग - गांव में पहुंचे खुफिया विभाग, जुटाई जानकारी जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : भोजपुर क्षेत्र के गांव रानी नागल ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। भोजपुर क्षेत्र के गांव रानी नागल में 2018 में पहुंचे 92 घूमंतू लोग दो साल बाद ही मतदाता बन गए थे। पहले इन्होंने सांठगांठ करके अपने-अपने आधार कार्ड बनवाए और उसके बाद वर्ष 2020 की मतदाता सूची में इनका नाम शामिल हो गया। इसके बाद इनका राशन कार्ड तक बन गया। इतना ही नहीं एक को तो प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत आवास तक मिल गया।

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    अब एसआइआर शुरू हुई तो यह लोग गांव छोड़कर भाग गए। क्योंकि इन्हें पकड़े जाने का डर था। मामला सामने आने के बाद पुलिस से लेकर खुफिया विभाग भी अलर्ट हो गया है। खुफिया विभाग ने गांव में पहुंचकर जांच पड़ताल की। फिलहाल की जांच में खुफिया विभाग इन्हें रोहिंग्या मान रहा है।

    गांव रानी नागल के पूर्व प्रधान सईदुल ने जिलाधिकारी अनुज सिंह और एसएसपी सतपाल अंतिल से शिकायत की थी। उन्होंने शिकायती पत्र के माध्यम से बताया था कि रानी नागल में घूमंतू लोगों के अवैध वोट बनवा दिए गए हैं। फर्जी प्रपत्रों के माध्यम से करीब 92 वोट बनवाए गए है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक बार फिर दोबारा इन सभी को वोटर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

    शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने तुरंत ही एसडीएम सदर डा. राम मोहन मीणा गांव में पहुंचे और जांच की तो पता चला कि 92 में से मात्र दस गणना पत्र भरकर जमा किए गए है। वह भी महिलाओं के, इन सभी एक समान बात यह है कि सभी की मैपिंग सहारनपुर जनपद की गई है।

    उधर जैसे ही उत्तर प्रदेश में एसआइआर की प्रक्रिया शुरू हुई तो कई लोग गांव छोड़कर भाग गए है। वह अब तक गांव में नहीं है। प्रकरण सामने आने के बाद खुफिया विभाग भी अलर्ट हो गया है। गुरुवार को एलआइयू भी गांव में जांच करने के लिए पहुंची। जांच में पता चला है कि यह लोग 2018 में गांव में पहुंचे और कच्चा निर्माण करके यहीं पर रहने लगे।

    वर्ष 2020 में यह गांव की मतदाता सूची में वोटर बन गए। अधिकांश के राशन कार्ड है और राशन ले रहे हैं। जबकि एक को तो प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत आवास भी मिल गया है। गांव के तमाम लोग इन पर रोहिंग्या होने का आरोप लगा रहे हैं। एसएसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

    जांच में आया सामने, सहारनपुर की महिलाओं से की शादी

    अभी तक की जांच में सामने आया है कि यह लोग कहा के यह तो किसी को नहीं पता, लेकिन इनमें से कई ने सहारनपुर की महिलाओं से शादी की है। इसलिए दस महिलाओं की एसआइआर के दौरान वोट बनाते हुए सहारनपुर से मैपिंग की गई है। पुलिस और खुफिया यह कहां के निवासी है इसका पता लगाने के लिए जांच में जुटी है।

    दो हजार बंगाल के लोगों के बीच छिपे तमाम संदिग्ध

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद में आकर घुसपैठियों के नाम बता दिए थे। मुख्यमंत्री को भी रोहिंग्या होने का इनपुट पहले से मिल चुका था। मुरादाबाद में करीब दो हजार बंगाल के लोगों के बीच कुछ संदिग्ध होने की जानकारी खुफिया विभाग को भी जानकारी मिली है। जिस तरह रानी नागल गांव में रहकर जिस तरह यह मतदाता बन गए, उसी तरह शहर के भी तमाम लोगों ने बंगाल व अन्य स्थानों के पते के आधार कार्ड बनवा रखे हैं।

     

    92 वोट पूरी तरह से गलत है। इनकी जांच होनी चाहिए। यह लोग कहां से आए हैं, हमें नहीं मालूम है। मगर यह फर्जी तरीके से रह रहे हैं। इन्हें पांच साल से अधिक समय हो गया है। इनके ऊपर कई सारे मुकदमे भी दर्ज हैं।

    - वाजिद अली, पूर्व प्रधान


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