मुरादाबाद जोन में 22.72 करोड़ की बिजली चोरी, विजिलेंस कर रहा छापामारी, अब शहर-देहात में चलेगा ये विशेष अभियान
मुरादाबाद जोन में जनवरी से अगस्त 2024 तक 22.72 करोड़ रुपये की बिजली चोरी पकड़ी गई। विभाग ने कटिया कनेक्शन और ओवरलोडिंग जैसी अनियमितताओं पर जुर् ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मुरादाबाद जोन में बिजली चोरी का आंकड़ा चिंताजनक है। वर्ष 2024 में जनवरी से अगस्त तक के सात महीनों के भीतर मुरादाबाद जोन में 22.72 करोड़ रुपये की बिजली चोरी पकड़ी गई। बिजली विभाग के विशेष अभियान में कटिया कनेक्शन, ओवरलोडिंग आदि श्रेणी के उपभोक्ताओं द्वारा की जा रही अनियमितताएं सामने आई हैं। विभाग ने न केवल जुर्माना लगाया है, बल्कि वसूली और कानूनी कार्रवाई भी तेज कर दी है।
जोन स्तर पर 454.4 करोड़ यूनिट की चोरी सामने आई है। बता दें कि 3317.56 करोड़ यूनिट बिजली मिली। जिसमें 2863.16 करोड़ बिजली के बिल जमा हुए। विजिलेंस की रेड भी बढ़ाई जाएंगी। साथ ही घनी आबादी वाले क्षेत्रों के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाएगा।
क्या कहते हैं विभागीय आंकड़े?
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, मुरादाबाद जोन के मुरादाबाद, रामपुर और संभल में बिजली चोरी के मामले अधिक मिले। अकेले मुरादाबाद में करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी पकड़ी जा चुकी है। यहां शहरी इलाकों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी अवैध कनेक्शन, मीटर से छेड़छाड़ और सीधे लाइन डालकर बिजली उपयोग करने के मामले सामने आए हैं। रामपुर में करीब सात करोड़ रुपये की बिजली चोरी दर्ज की गई है।
यहां घरेलू उपभोक्ताओं के साथ वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में मीटर बाईपास कर बिजली उपयोग करने के मामले अधिक सामने आए। विभाग ने इन मामलों में जुर्माना लगाने के साथ ही संबंधित उपभोक्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। संभल में भी बिजली चोरी की स्थिति गंभीर बनी है।
सात माह की अवधि में यहां लगभग पांच करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी पकड़ी गई है। बिजली विभाग अधिकारियों के अनुसार, अभियान के दौरान हजारों कनेक्शनों की जांच की गई, जिनमें बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं द्वारा नियमों का उल्लंघन पाया गया। कई मामलों में मौके पर ही बिजली आपूर्ति काट दी, जबकि गंभीर मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
बिजली चोरी से न केवल राजस्व को भारी नुकसान होता है, बल्कि ईमानदार उपभोक्ताओं पर भी अतिरिक्त भार पड़ता है। आने वाले दिनों में अभियान और तेज करेंगे। संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां नियमित जांच कराएंगे।
अशोक कुमार चौरसिया, मुख्य अभियंता

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