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    पैसा नहीं बनेगा बेड़ी, आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर भी लड़कियों को यहां मिलेगा एडमिशन; यूपी के इस जिले ने निकाला तोड़

    Updated: Fri, 07 Jun 2024 04:02 PM (IST)

    आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर अब कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की छात्राओं को आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। बा विद्यालयों से आठवीं के बाद छात्राओं को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआइओएस) से आगे की पढ़ाई कराने की तैयारी है।महानिदेश स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इस संबंध में बीएसए को पत्र जारी किया है।

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    पैसा नहीं बनेगा बेड़ी, आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर भी लड़कियों को यहां मिलेगा एडमिशन

    जागरण संवाददाता, मुरादाबदा। आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर अब कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की छात्राओं को आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। बा विद्यालयों से आठवीं के बाद छात्राओं को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआइओएस) से आगे की पढ़ाई कराने की तैयारी है।

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    महानिदेश स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इस संबंध में बीएसए को पत्र जारी किया है। बा स्कूलों में कक्षा आठवीं तक की पढ़ाई निश्शुल्क होती है। कक्षा आठ के बाद छात्राओं को पढ़ाई के लिए फीस देनी होती है। इसलिए बड़ी संख्या में छात्राएं पढ़ाई छोड़ देती हैं।

    जिले में नौ कस्तूरबा विद्यालय संचालित

    जिले में नौ कस्तूरबा विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों को एनआइओएस के शैक्षणिक सामुदायिक पाठ्यक्रमों से जोड़ने के निर्देश हैं। ओपन स्कूल के प्रतिनिधि स्कूलों में जाकर छात्राओं को अपने कोर्स और प्रवेश प्रक्रिया के बारे में जानकारी देंगे।

    पास आउट छात्राओं के भी प्रवेश तय कराए जाएंगे। उन्हें कक्षा दस और 12वीं में प्रवेश दिलाया जाएगा। बीएसए अजीत सिंह ने बताया कि सभी बीईओर और प्रधानाचार्यों से भी छात्रों को एनआइओएस के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।

    हालांकि, एनआइओएस की ओर से ही प्रतिनिधि स्कूलों में पहुंचकर छात्राओं में पढ़ाई का महत्व बताने के साथ ही उन्हें इस बोर्ड की जानकारी देंगे और दसवीं की परीक्षा के लिए नवीं कक्षा में उनका पंजीकरण कराएंगे। इसके अलावा जुलाई से कुंदरकरी के कस्तूरबा विद्यालय में ही छात्राओं के हित में दसवीं तक की कक्षाएं संचालित करने की तैयारी है।