Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आजम खां को अस्पताल से सीतापुर जेल शिफ्ट करने पर पत्नी तजीन फात्मा खफा, कहा- जुल्म की इंतेहा

    सपा सांसद आजम खां को लखनऊ के मेदांता अस्पताल से सीतापुर जेल में शिफ्ट किए जाने से उनकी पत्नी शहर विधायक डॉ. तजीन फात्मा खफा हैं। उनका कहना है कि आजम खां की तबीयत खराब है फिर भी उन्हें जेल में में शिफ्ट किया जाना जुल्म की इंतेहा है।

    By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 14 Jul 2021 06:50 AM (IST)
    Hero Image
    आजम खां को अस्पताल से सीतापुर जेल में शिफ्ट किए जाने से उनकी पत्नी विधायक डॉ. तजीन फात्मा खफा हैं।

    रामपुर [जागरण संवाददाता]। समाजवादी पार्टी के सांसद व पूर्व मंत्री आजम खां को लखनऊ के मेदांता अस्पताल से सीतापुर जेल में शिफ्ट किए जाने से उनकी पत्नी रामपुर शहर की विधायक डॉ. तजीन फात्मा खफा हैं। उनका कहना है कि आजम खां की तबीयत खराब है, फिर भी उन्हें जेल में में शिफ्ट किया जाना जुल्म की इंतेहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रामपुर शहर की विधायक ने मंगलवार को जिला अस्पताल में कोरोना का टीका लगवाया। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए यह जरूरी है, इसलिए दूसरे लोग भी लगवाएं। उन्होंने कहा कि उन्हें अचानक ही पता चला कि उन्हें मेदांता अस्पताल से सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि आजम खां अभी भी गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं। दो दिन पहले ही उनका आक्सीजन लेवल कम हो गया था।

    आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा ने कहा कि उन्हें और भी परेशानियां हैं। ब्लडप्रेशर हाई हो जाता है। हार्ट की भी प्राब्लम है। बीमारियों की वजह से बेहद कमजोर हो गए हैं और उन्हें अभी पोस्ट कोविड समस्याएं हैं। उनके लंग्स और किडनी में इंफेक्शन था। उनकी अल्सर हो गया था और खाना खाने के लिए भी राइस ट्यूब पड़ा हुआ था। सब चीजें अभी तक नार्मल नहीं हो पाई हैं। ऐसी स्थिति में जेल शिफ्ट किया जाना जुल्म की इंतेहा है।

    विधायक डॉ. तजीन फात्मा ने कहा कि उन्हें अभी इलाज की और जरूरत थी, लेकिन हम नहीं जानते कि किन कारणों से या किस साजिश के तहत उन्हें जेल शिफ्ट किया गया। कहा कि जेल में मरीजों के लिए सुविधाएं हैं, लेकिन इतने गंभीर मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं हैं। जेल शाम सात बजे बंद हो जाती है और उसके बाद सुबह पांच बजे खुलती है। इस बीच जेल में अगर कोई अचानक बीमार हो जाता है तो सूचना जाने या जेल खुलवाने में एक से दो घंटे लग जाते हैं। उसके बाद डॉक्टर उपलब्ध होने में भी समय लगता है। इन परिस्थितियों में आजम खां की तबीयत खराब होती है तो मेदांता और शासन व प्रशासन के लोग जिम्मेदार होंगे।

    बता दें कि स्वस्थ होने के बाद रामपुर से सपा सांसद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला मंगलवार को लखनऊ से सीतापुर जिला कारागार लौट आए हैं। दोनों लखनऊ के मेदांता अस्पताल में करीब 95 दिन तक भर्ती रहे। मंगलवार सुबह आजम और उनके बेटे को एंबुलेंस से जिला कारागार लाया गया है। आजम खां अप्रैल की शुरुआत में कोरोना से संक्रमित हो गए थे। जिला कारागार की उच्च सुरक्षा बैरक में आजम खां के साथ ही निरुद्ध उनके बेटे अब्दुल्ला भी संक्रमित हो गए थे। पिता-पुत्र के संक्रमित होने के बाद जिला प्रशासन ने शासन की अनुमति से लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया था। 

    सीतापुर जिला कारागार परिसर में मौजूद सांसद आजम खां के अधिवक्ता मोहम्मद अराफात ने बताया कि वह अभी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हैं। वह व्हील चेयर पर बैठकर अस्पताल से बाहर निकले थे, उसके बाद एंबुलेंस से जिला कारागार लाए गए हैं। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि सांसद आजम खां पर लगाए गए सभी मुकदमे गलत हैं। करीब दो साल से सांसद जेल में हैं।

    27 फरवरी, 2020 से सीतापुर जेल में आजम : 27 फरवरी, 2020 से विभिन्न आरोपों में सपा सांसद आजम खां और उनकी पत्नी डा. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला को जिला कारागार में निरुद्ध किया गया था। कोरोना काल में ही रामपुर विधायक डा. तजीन फात्मा जमानत पर छूट गईं थीं, लेकिन सांसद आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला अभी कारागार में निरुद्ध हैं।