मुरादाबाद में गुरुद्वारे का लंगर घर गिराने को लेकर सिख संगठनों में नाराजगी, अल्पसंख्यक आयोग ने दो अधिकारियों को जारी किए नोटिस
एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा ने इस मामले में इंटरनेट मीडिया में स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि गुरुद्वारे को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। गुरुद्वारे के आस-पास सरकारी जमीन पर जो अवैध कब्जे थे उन्हें हटाने की कार्रवाई की गई है।

मुरादाबाद, जेएनएन। मझोला थाने के समीप गुरुद्वारे में बने लंगर घर गिराने को लेकर सिख संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। दिल्ली से लेकर पंजाब तक के सिख संगठनों इस मामले में विरोध जता रहे हैं। सिखों के सबसे बड़े संगठन सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने इस मामले का संज्ञान लेकर जांच टीम भेजने का लिया निर्णय है। एसजीपीसी ने हापुड़ जनपद की सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी को निरीक्षण के लिए मुरादाबाद जाने को कहा है। इसके साथ ही इस मामले में एडीएम वित्त और अतिक्रमण हटाने वाले एसडीएम सदर प्रशांत तिवारी को राज्य अल्पसंख्यक आयाेग ने नोटिस जारी कर दिया है। एसजीपीसी के नोटिस के बाद जिला प्रशासन के अफसर हरकत में आए।
बुधवार को दोपहर एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा ने इस मामले में इंटरनेट मीडिया में स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि गुरुद्वारे को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। गुरुद्वारे के आस-पास सरकारी जमीन पर जो अवैध कब्जे थे, उन्हें हटाने की कार्रवाई की गई है। वहीं एसजीपीसी ने ट्विटर पर मंगलवार देर रात एक संदेश जारी किया। जिसमें लिखा गया कि मुरादाबाद के बरेली-मुरादाबाद हाईवे पर गुरुद्वारे में लंगर घर गिराने को लेकर सिख समुदाय निंदा करता है। इसके साथ ही इस मामले में जांच कमेटी भेजने का निर्णय लिया गया है। वहीं दिल्ली सचखंड सेवा संगठन के पदाधिकारी हरमीत सिंह पिंका ने वीडियो जारी करके सिखों को एकजुट होने की अपील की। उन्होंने जिला प्रशासन के द्वारा लंगर घर गिराने की कार्रवाई का विरोध किया।
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