MDA News : नया मुरादाबाद को बसाने में लग जाएंगे कई साल, मकान के लिए पांच दिन में आए केवल 15 आवेदन
MDA New Moradabad Housing Scheme मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की सख्ती बगैर नया मुरादाबाद को बसाने में अभी कई साल लग जाएंगे। इसके पीछे वजह साफ है कि दिल्ली और अन्य बड़े शहरों के इनवेस्टरों ने प्लाट खरीद रखे हैं।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की सख्ती बगैर नया मुरादाबाद को बसाने में अभी कई साल लग जाएंगे। इसके पीछे वजह साफ है कि दिल्ली और अन्य बड़े शहरों के इनवेस्टरों ने प्लाट खरीद रखे हैं। वह री-सेल में प्लाट बेचकर मोटी कमाई कर रहे हैं। यही हाल मकानों का है, कुछ लोगों ने मकान खरीद कर डाल दिए हैं। वहां रहना भी तक शुरू ही नहीं किया। इसकी वजह से लोग नया मुरादाबाद की प्रापर्टी खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। यही वजह है कि पांच दिन में 15 लोगों ने ही मकान खरीदने के लिए आवेदन किया है।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने समाजवादी पार्टी की सरकार में एकता विहार में बने समाजवादी अफोर्डेबल आवासों के अलावा फ्लैट पहले आओ पहले पाओ के आधार पर खरीदने के लिए एक जुलाई से आनलाइन आवेदन मांगे हैं। इन मकानों में चार साल पहले समाजवादी पार्टी की सरकार में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा एकता विहार में समाजवादी पार्टी अफोर्डेबल आवास भी शामिल हैं। इन आवासों का निर्माण तो पूरा हुए कई महीने हो गए। लेकिन, कोरोना महामारी की वजह से इनकी बिक्री नहीं हो पाई थी। इस योजना के एकता विहार में 204 आवास हैं। चार मंजिला बिल्डिंग में बने फ्लैटों में ग्राउंड फ्लोर की कीमत 18 लाख रुपये तय की गई है। बाकी 16 लाख के बेचे जाने हैं। नया मुरादाबाद के सेक्टर-छह के एमआइजी 112.50 वर्ग मीटर के भवनों की कीमत 42.608 लाख रुपये है। सेक्टर-सात के एमआइजी भवनों का क्षेत्रफल 162.00 वर्गमीटर है। इनकी कीमत 54.92 लाख रुपये रखी गई है। सेक्टर-10 के एमआइजी भवनों का क्षेत्रफल 112.50 वर्ग मीटर है। इनकी कीमत 44.96 लाख रुपये है। सेक्टर पांच स्थित एलआइजी भवन का क्षेत्रफल 52.25 वर्ग मीटर है। इसकी कीमत 12.758 लाख रुपये है। लेकिन, बिना देखे कोई मकान लेने को तैयार नहीं है। एमडीए की सूची के आधार पर लोग पहले मकान की लोकेशन देखकर ही आनलाइन आवेदन कर रहे हैं। इसलिए आवेदन करने की गति धीमी है। एमडीए सर्वेश कुमार गुप्ता ने बताया कि नया मुरादाबाद को बसाने के लिए प्राधिकरण पूरा प्रयास कर रहा है। ऐसे भवनों और प्लाटों की सूची बनाई जा रही है, जो वर्षों से खाली पड़े हैं। उन्हें नोटिस देकर आगे की कार्रवाई होगी।
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