एमडीए बोर्ड करेगा सोर्सिंग हब को लीज पर देने का फैसला, शर्तों पर निगम ने ठुकराया प्रस्ताव
एमडीए आमदनी का 60 फीसद मांग रहा था। यह भी कहा गया था कि निगम को तीन करोड़ 74 लाख रुपये एमडीए को हर हाल में देने होंगे। आमदनी से हमारा कोई लेना देना नहीं है। इस पर बात नहीं बन पाई तो निगम ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
मुरादाबाद, जेएनएन। नया मुरादाबाद में दस्तकारों के हुनर को पूरी दुनिया के व्यापारियों को दिखाने के मकसद से कानपुर के हस्तशिल्प निगम ने सोर्सिंग हब को लीज पर लेने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन, एमडीए की शर्तों पर निगम ने सोर्सिंग हब को लीज पर लेने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसलिए 27 मार्च को होने वाली एमडीए बोर्ड की बैठक में फिर से यह मुद्दा रखा जाना है। बोर्ड इस पर जो फैसला लेता, उसी के मुताबिक आगे का फैसला होगा।
केंद्र सरकार के पांच करोड़ की मदद से मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने दिल्ली रोड पर 2007 में सोर्सिंग हब बनाया था।
आर्टीजन सोसायटी, मुरादाबाद को इस पर दस फीसद धनराशि खर्च करनी थी। लेकिन, सोसायटी पर इतनी धनराशि भी नहीं थी। इसलिए इसलिए इस प्रोजेक्ट को एमडीए को दिया गया। एमडीए ने 11 करो़ड़ से अधिक की धनराशि से नया मुरादाबाद योजना में सोर्सिंग हब बनाकर तैयार कर किया। लेकिन, इसका आवंटन नहीं हो पाया। अब एमडीए सोर्सिंग हब की कीमत 30 करोड़ रुपये से भी ज्यादा बता रहा है। बरसों पहले बने इस भवन की हालत जर्जर होती जा रही है। पिछले महीने हुई एमडीए बोर्ड की बैठक में इसे किराए पर देने के लिए प्रस्ताव दिया गया था। हस्तशिल्प निगम, कानपुर ने इसे लीज पर लेने के लिए प्रस्ताव दिया। निगम का कहना था कि 15 के बजाए तीस साल की लीज पर सोर्सिंग हब को दिया जाए। एमडीए अफसर सोर्सिंग हब को तीस साल के लिए तो देने को तैयार हो गए। लेकिन, निगम ने शर्तें रख दीं। निगम के अधिकारियों ने कहा था कि सोर्सिंग हब को चलाने के लिए दस करोड़ खर्च करेंगे। हम इससे होने वाली आमदनी का 50 फीसद एमडीए को देंगे। लेकिन, एमडीए अफसर इस पर सहमत नहीं हुए।
हस्तशिल्प निगम, कानपुर ने सोर्सिंग हब को लीज पर लेने का प्रस्ताव दिया था। हमने आमदनी का 60 फीसद हिस्सा एमडीए और 40 फीसद निगम को दिए जाने का पत्र लिखा था। इसके बाद निगम की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। हम साेर्सिंग हब के प्रस्ताव को फिर से बोर्ड की बैठक में रखने जा रहे हैं। बोर्ड जो फैसला करेगा, उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई होगी।
सर्वेश कुमार गुप्ता, सचिव, एमडीए सोर्सिंग हब
दस्तकारों के प्रमोशन के लिए बना था। यहां दस्तकार अपने आइटम का प्रदर्शन करते। बाहर से वायर्स आकर यहां के कारोबार में बढ़ावा देते। लेकिन, एमडीए ने किसी नहीं सुनी। केंद्र सरकार से मिली धनराशि से बना सोर्सिंग हब दस्तकारों को दिलाया जाए।
गानिम अली, अध्यक्ष फेयर ट्रेडर्स प्राइमरी प्रोड्यूसर एसोसिएसन, मुरादाबाद
कारोबारियों को मिलता बड़ा लाभ
सोर्सिंग हब को नोएडा के एक्सपो मार्ट की तर्ज पर तैयार किया है। मुरादाबाद के निर्यातकों ने अपनी फैक्ट्रियों में ही शोरूम बना रखे हैं। जबकि बायर्स के मुरादाबाद नहीं आने पर अपने प्रोडक्ट दिल्ली या नोएडा में ले जाकर दिखाने पड़ते हैं। लंबे समय से निर्यातक मुरादाबाद में भी एक ऐसे स्थान की मांग कर रहे थे, जहां उनके आइटम का प्रदर्शन हो सके। जिन निर्यातकों के पास नोएडा एक्सपो मार्ट में शोरूम नहीं हैं, वे यहां अपना प्रदर्शन कर सकें। मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के संरक्षक नजमुल इस्लाम ने बताया कि सोर्सिंग हब को शुरू किए जाने की मांग हर स्तर पर उठाई है। हमने हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के सहयोग से नया सोर्सिंग हब बनाने का प्रस्ताव भी बनाया था। लेकिन, पुराने सोर्सिंग हब के शुरू होने की संभावना को देखते हुए प्रस्ताव पर काम बंद कर दिया था। अगर यह सोर्सिंग हब शुरू होता है तो दस्तकारों को भी निर्यातक बनने का मौका मिलता और मुरादाबाद में दस फीसद तक कारोबार बढ़ने की संभावना है।
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