मत्स्यासन योग आसन से ठीक होंगी गले की ग्रंथियां, जानिए कैसे करें यह आसन
Matsyasana Yoga postures मत्स्यासन आसन से आप के गले की ग्रंथियां जैसे थायराइड और पैरा थायराइड की पेशियों के लिए अच्छा व्यायाम होता है। नियमित रूप से इस योग आसन के करने से अन्य भी कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

मुरादाबाद, जेएनएन। स्वास्थ्य ठीक हो तो सबकुछ अच्छा लगता है। दुनिया भी हसीन लगने लगती है लेकिन, अगर आपको किसी तरह की बीमारी हो जाती है तो हर तरह से परेशान होना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि खुद के लिए कुछ वक्त निकाला जाए। योग के लिए प्रतिदिन 40 मिनट का समय सभी को निकालना चाहिए। इससे शरीर स्वस्थ बना रहता है।
मत्स्यासन आसन से आप के गले की ग्रंथियां जैसे थायराइड और पैरा थायराइड की पेशियों के लिए अच्छा व्यायाम होता है। योग प्रशिक्षक डॉ. महजबीं परवीन ने बताया कि इस व्यायाम के करने से मेरुदंड, पेट, वस्ति देश, पाचन तंत्र, प्रजनन तंत्र, श्वसन अंगों के कार्यों में सुधार आता है। अमाशय की पेशियों में तनाव आने से वायु की गति नीचे की ओर होती है। इससे मलावरोध भी दूर हो जाता है। थोड़ा सा जलपान कर यह आसन किया जाए तो शौच-शुद्धियों में सहायता मिलती है। हर्निया, अल्सर, गर्दन में दर्द, पीठदर्द, हृदय रोग में इस अभ्यास को नहीं करें। ऐसे लोगों को इस आसन के करने से परेशानी हो सकती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आपको कंबल बिछाना होगा। पैरों को सीधे फैलाकर बैठ जाएं। अब सुविधानुसार दाहिना या बायां पैर घुटने से मोड़कर उसी प्रकार दूसरे जहां मूल पर रखिये। तलवे ऊपर की ओर रहें। दोनों एड़ियां इस प्रकार रहें कि पास के पेड़ू को दबाती रहें। इस प्रकार की स्थिति बन जाने पर पीठ के बल लेट जाएं। घुटनों को फर्श पर जमाएं। कुहनियों पर शरीर का भार रखकर धड़ और सिर को कुछ ऊपर उठा लीजिये। इसके बाद धड़ को मोड़कर मेहराब का रूप देते हुए सिर को पीछे की ओर झुकाकर फर्श पर टिका दीजिए। लेटे ही लेटे धड़ को गर्दन् के ऊपर की ओर उठाकर फुलवा रूप दीजिये। अब दाहिने हाथ से दाहिने पैर की ओर बाएं हाथ से बाएं पैर का अंगूठा पकड़ लीजिए। यही मत्स्यासन की पूर्णअवस्था है।
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