छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने वाले मदरसे पर शिकंजा कसना तय! SIT की जांच में सामने आया चाैंकाने वाला तथ्य
मुरादाबाद के एक मदरसे में एसआईटी जांच में पौने तीन करोड़ का संदिग्ध लेनदेन मिला है। यह रकम नवंबर में भेजी गई थी, लेकिन किसी भारतीय बैंक से नहीं। जांच टीम यह पता लगाने में जुटी है कि इतनी बड़ी रकम किस उद्देश्य से भेजी गई। यह लेनदेन उस समय हुआ जब मदरसे पर शिकंजा कसा जा रहा था। वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मामले में पहले ही प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। लोधीपुर राजपूत स्थित मदरसा जामिया एहसानुल बनात इंटर कॉलेज मदरसे में एक दिन में पौने तीन करोड़ का संदिग्ध लेनदेन मिला है। एसआईटी की जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। हैरानी यह कि यह रकम मदरसे की ओर से नवंबर में ही भेजी गई है, जो भारत के किसी भी बैंक का नहीं है। ऐसे में टीम यह जांच कर रही है कि आखिर यह रकम किस उद्देश्य से भेजी गई।
एक दिन में इतनी रकम भेजने की आवश्यकता क्यों पड़ी? इतना ही नहीं यह रकम तब भेजी गई जब उस पर शिकंजा कस गया था। ऐसे में यह भी देखा जा रहा है कि कहीं रुपये ठिकाने लगाने के लिए तो यह पहल नहीं की गई। इस संदिग्ध लेन-देन के बाद मदरसा प्रबंधन पर शिकंजा कसना तय माना जा रहा है।
दरअसल, 24 अक्टूबर को छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने के मामले में मदरसा जामिया एहसानुल बनात इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रहनुमा और एडमिशन सेल इंचार्ज मोहम्मद शाहजहां पर प्राथमिकी लिखी गई थी। शाहजहां को गिरफ्तार कर जेल भेज गया था। रहनुमा को नोटिस तामील कराकर थाने से जमानत दे दी गई थी।
इससे पहले मदरसे में विदेशी फंडिंग के अंदेशे पर डीएम ने एडीएम प्रशासन संगीता गौतम, एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह व मुख्य कोषाधिकारी रेनू बौद्ध की तीन सदस्यीय एसआइटी गठित की थी। एसआईटी मदरसे के खातों के लेन-देन की जांच कर रही है। पौने तीन करोड़ के संदिग्ध लेन-देन की बात सामने आई है। एडीएम प्रशासन संगीता गौतम ने बताया कि संदिग्ध लेनदेन को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।

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