आपसी रंजिश के हत्याकांड में पिता-पुत्र को उम्रकैद, 12 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
12 साल पुराने आपसी रंजिश के एक हत्याकांड में कोर्ट ने पिता-पुत्र को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला दो गुटों के बीच पुरानी दुश्मनी का परिणाम था, जिसमें एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यह फैसला सुनाया, जो न्याय व्यवस्था में एक मिसाल है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। आपसी रंजिश के विवाद में हुए हत्याकांड में पिता पुत्र को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दोनों रामपुर टांडा के रहने वाले है। 12 साल पहले कटघर में हुए हत्याकांड मामले में मंगलवार को एडीजे-नौ अरुण कुमार तृतीय ने फैसला सुनाया। हत्याकांड में एक आरोपित को संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने बरी किया है।
कटघर के भैंसिया गांव निवासी मुकेश कुमार ने रामपुर के टांडा निवासी नंदराम व बेटे तुलाराम और एक अन्य मोहन लाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। 2013 में वादी की ओर से कहा गया कि उसके भाई कैलाश की रामपुर निवासी नंदराम व परिवार से किसी मारपीट हुई थी। जिसके बाद से नंदराम आदि उनके परिवार से रंजिश रखने लगे थे। इस बीच 11 जुलाई 2013 को दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था।
फिर भी आरोपितों ने मोहनलाल के बेटे की शादी की बात कहकर बुलाना चाहा। पर, भाई ने शादी में जाने से मना कर दिया। इस बीच ज्यादा दबाव डालने पर भाई कैलाश के संग उनकी मां, बहन और परिवार के अन्य लोग भी शादी में शामिल हुए। आरोप है कि सभी लोग आ गए पर कैलाश नहीं आया। कैलाश की लाश रामपुर रोड किनारे नाले में मिली थी। 15 जुलाई 2013 को मुकदमा कायम कराया गया। पुलिस ने तीन आरोपितों के विरुद्ध न्यायालय में 29 नवंबर 2013 को आरोप पत्र दाखिल किया।
मामले की सुनवाई एडीजे-नौ अरुण कुमार तृतीय की अदालत में हुई। एडीजीसी प्रदीप सिंह ने बताया कि सुनवाई के दौरान कोर्ट में गवाहों के बयान हुए। शादी के बहाने बुलाने व अन्य साक्ष्य के आधार पर अदालत ने नंदराम व तुलाराम को दोषी ठहराया। दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जबकि तीसरे आरोपित मोहन लाल को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने के आदेश दिए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।