मुरादाबाद में दुष्कर्म और मतांतरण के दोषी शादाब अली को आजीवन कारावास, 1.25 लाख जुर्माना भी लगा
मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने मतांतरण और दुष्कर्म के मामले में शादाब अली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 1.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला मुगलपुरा से जुड़ा है, जहाँ शादाब पर एक महिला से दुष्कर्म करने और उसे मतांतरण के लिए मजबूर करने का आरोप था। न्यायालय ने साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर यह फैसला सुनाया।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मतांतरण और दुष्कर्म के मामले में विशेष एससी-एसटी न्यायालय ने शुक्रवार को दोषी शादाब अली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर 1.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल के निर्देश में पुलिस और अभियोजन पक्ष की पैरवी के चलते यह निर्णय आया।
दरअसल, यह मामला मुगलपुरा से जुड़ा है। गलशहीद के रफी हाउस निवासी शादाब अली के खिलाफ दुष्कर्म, धोखाधड़ी और मतांतरण कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोपित के विरुद्ध धारा 376, 328, 420 के साथ एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(2)(वी) और मतांतरण प्रतिरोध अधिनियम की धारा 3-5(1) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपित ने वर्ष 2022 में महिला से दुष्कर्म किया और उसे मतांतरण के लिए मजबूर किया था। मामले की विवेचना सीओ महेश चंद्र गौतम ने की, जबकि सरकारी पक्ष से विशेष लोक अभियोजक आनंदपाल सिंह ने पैरवी की।
स्पेशल एससी-एसटी न्यायालय के न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार ने साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर शादाब को दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पुलिस की ओर से हेड कांस्टेबल रामेश्वर ने केस की मानिटरिंग व पैरवी की।
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