तेंदुए की दहशत में कैद हुआ गांव: घरों से बाहर नहीं निकल रहे ग्रामीण, चौराहों ओर गलियों में सन्नाटा
मुरादाबाद के यूसुफपुर नगलिया गांव में तेंदुए के हमले से दहशत फैल गई है। तेंदुए ने तीन बुजुर्गों पर हमला कर घायल कर दिया जिसके बाद गांव में सन्नाटा पसर गया है। वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ग्रामीण अभी भी दहशत में हैं और वन विभाग की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं।

संवाद सूत्र, पाकबड़ा, मुरादाबाद। क्षेत्र के यूसुफपुर नगलिया गांव में तेंदुए द्वारा तीन बुजुर्गों पर हमले की घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। शुक्रवार सुबह हुए इस हमले के बाद से गांव की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। जो गलियां हमेशा चहल-पहल से भरी रहती थीं, वहां अब सन्नाटा पसरा है।
पेड़ों के नीचे चौपाल लगाने वाले बुजुर्ग भी अब घरों में कैद हो गए हैं। शुक्रवार को तेंदुए ने गांव के तीन बुजुर्ग प्रधान, अशरफ और सुलेमान पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। अचानक हुए हमले से गांव में खलबली मची हुई है। देखते ही देखते आसपास के गांवों से भी लोग मौके पर पहुंच गए और लाठी-डंडे लेकर तेंदुए को खोजने निकले, लेकिन वह भाग निकला। हमले की यह घटना ग्रामीणों के दिलों में गहरी दहशत छोड़ गई है।
दो पिंजरे लगाए गए, गांव में चौकसी बढ़ी तेंदुए के आतंक से सहमे लोग
शनिवार को दैनिक जागरण की टीम जब गांव पहुंची तो वहां का नजारा हैरान करने वाला था। आमतौर पर मुख्य अड्डे पर पेड़ के नीचे बुजुर्गों की चौपाल सजती है, हुक्का-बीड़ी जलती रहती है, मगर इस बार चारपाई खाली पड़ी थी। गलियां सुनसान थीं और लोग घरों में दुबके हुए मिले। ग्रामीण मोहसिन ने बताया कि महिलाएं और बच्चे घर से बाहर नहीं निकल रहे। खेतों पर भी लोग अकेले नहीं जाते, बल्कि समूह में ही निकलते हैं।
फहीम आलम ने बताया कि शुक्रवार रात गांव की मस्जिद से ऐलान कर लोगों को सतर्क किया गया। कहा गया कि कोई भी खुले में या छत पर न सोए, क्योंकि तेंदुआ किसी भी वक्त हमला कर सकता है। घटना की गंभीरता देखते हुए वन विभाग की टीम ने गांव में डेरा डाल दिया है।
वन रेंजर रिजुल कंसल के नेतृत्व में आनंद प्रकाश उपाध्याय, पुष्पेंद्र सिंह, मनोज कुमार वर्मा, हृदेश कुमार, शाने इलाही और रामचरण सिंह लगातार निगरानी कर रहे हैं। वन विभाग ने गांव में तेंदुए को पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए हैं। एक पिंजरा गांव के गन्ने के खेत में लगाया गया है, जिसमें चारे के लिए एक बकरी बांधी गई है। दूसरा पिंजरा ग्रोथ सेंटर स्थित माधव फैक्ट्री के पास लगाया गया है।
ग्रामीणों को अलर्ट
वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों से अलर्ट रहने की अपील की है। कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति खेतों या जंगल की ओर अकेला न जाए। यदि पशुओं के लिए चारा लाना हो तो कम से कम चार-पांच लोग लाठी-डंडे लेकर एक साथ जाएं। वन रेंजर रिजुल कंसल ने कहा कि विभाग पूरी कोशिश कर रहा है कि जल्द ही तेंदुआ पकड़ा जाए, ताकि ग्रामीण बिना डर के जीवन जी सकें।
दहशत अब भी बरकरार
हमले के दो दिन बाद भी यूसुफपुर नगलिया गांव दहशत के साए में है। बच्चे घरों में कैद हैं, महिलाएं दरवाजे तक नहीं निकल रहीं और पुरुष भी केवल जरूरी काम पर ही समूह में बाहर जाते हैं। ग्रामीणों की नजर अब वन विभाग की कार्रवाई पर टिकी है कि आखिर कब तेंदुए को पकड़ा जाएगा और गांव सामान्य जीवन में लौट पाएगा।
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