खतरनाक माल की ढुलाई के क्या हैं नियम, वाहन चालक थोड़े पैसे बचाने के लिए जानिए नियमों को कैसे तोड़ रहे
Dangerous Goods Transportation Rules खतरनाक माल ढुलाई करने वाले वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद फैलने वाली जहरीली गैस से होने वाले खतरे को कम क ...और पढ़ें

मुरादाबाद, (प्रदीप चौरसिया)। Dangerous Goods Transportation Rules : खतरनाक माल ढुलाई करने वाले वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद फैलने वाली जहरीली गैस से होने वाले खतरे को कम करने के लिए सरकार नियमों को सख्त करने जा रहा है। ऐसे वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम लगाने को लेकर कानून बनाया गया है। मोटर वाहन अधिनियम में आर्गन, नाइट्रोज, आक्सीजन व अन्य खतरनाक या जोखिम वाले माल की ढुलाई के नियम बने हुए हैंं। जिसके तहत ऐसे वाहनों को आबादी के बीच से ले जाने पर प्रतिबंध है।
इस तरह के वाहन रात के समय हाईवे पर चलाए जा सकते हैं। खतरनाक गैस की ढुलाई करने वाले वाहन संचालक नियम का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। टोल बचाने के चक्कर में हाईवे के स्थान पर शहर के अंदर से और रात के बजाय दिन के समय वाहनों को चलाते हैं। ऐसे वाहनों की दुर्घटना होने पर गैस का रिसाव होना शुरू हो जाता है। जहरीली गैस के कारण आसपास के लोग बीमार हो जाते हैं। एलपीजी गैस के वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर आग लगने की खतरा होता है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस पर रोक लगाने के लिए नया नियम लागू करने जा रहा है। इसको लेकर 20 फरवरी को राजपत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि ऐसे वाहनों के ट्रैकिंग करने की व्यवस्था करने जा रहा है। बिना ट्रैकिंग सिस्टम के वाहन का पंजीयन नहीं किया जाएगा। ट्रैकिंग सिस्टम परिवहन मंत्रालय के मुख्य सर्वर से जुड़ा होगा। खतरनाक माल भरने वाली कंपनी परिवहन मंत्रालय को इंटरनेट से सूचना देगा और उस वाहन का ट्रैकिंग सिस्टम काम करना शुरू कर देगा।
नियम का उल्लंघन करते ही जहां वाहन गुजर रही है, उसके क्षेत्र के परिवहन विभाग के अधिकारी को सूचना मिल जाएगी और जिससे बीच रास्ते में रोक लिया जाएगा। नियम का उल्लंघन करने वाले वाहनों का जुर्माना लगाने के साथ पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई करने का प्रावधान है। नियम को लागू करने के लिए परिवहन मंत्रालय ने आम जनता से इस संबंध में कोई सुझाव या आपत्ति 15 मार्च के मांगें है।
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