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Karmabhoomi Child Labor Case : बाढ़ में डूब गया खेत, मां-बाप का पेट भरने के ल‍िए कमाने न‍िकले थे बाल श्रम‍िक

कर्मभूमि एक्सप्रेस में मिले बाल श्रमिक ने बताया कि बाढ़ के पानी में खेत डूब गया है। घर में खाने को कुछ नहीं हैं। मां-बाप का पेट भरने के लिए पढ़ाई छोड़कर काम करने के लिए पंजाब जा रहे हैं। वहां जो भी काम मिलेगा वह कर लेंगे।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 03:55 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 03:55 PM (IST)
Karmabhoomi Child Labor Case : बाढ़ में डूब गया खेत, मां-बाप का पेट भरने के ल‍िए कमाने न‍िकले थे बाल श्रम‍िक
दलाल से मुक्त कराए गए बच्चों की पीड़ा 14 साल के बच्चों को फैक्ट्री में कराया जाता है काम

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कर्मभूमि एक्सप्रेस में मिले बाल श्रमिक ने बताया कि बाढ़ के पानी में खेत डूब गया है। घर में खाने को कुछ नहीं हैं। मां-बाप का पेट भरने के लिए पढ़ाई छोड़कर काम करने के लिए पंजाब जा रहे हैं। वहां जो भी काम मिलेगा वह कर लेंगे। हालांकि, अभी उसे होटल पर काम करने के बारे में बताया गया था।

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बिहार के कटिहार जिले का रहने वाला 16 वर्षीय क‍िशोर पुलिस द्वारा बीच रास्ते में ट्रेन से उतार लिए जाने पर परेशान द‍िखा। उसका कहना था क‍ि कटिहार जिले के कुछ क्षेत्र में गंगा व अन्य नदियों का पानी आ गया है। खेत डूब गए हैं। घर में खाने को कुछ नहीं हैं। परिवार में मां-बाप के अलावा छोटे भाई बहन हैं। पास के गांव का दुलाल शर्मा पंजाब में काम करता है। उसने कहा कि साथ चलो अमृतसर में किसी होटल या फैक्ट्री में काम दिला देंगे। इस पर क‍िशोर उसके साथ अमृतसर जाने के लिए ट्रेन में सवार हो गया। दुलाल शर्मा ने दोनों का टिकट भी कटाया था। गांव में बताया था कि आठ हजार रुपये तक प्रति माह का वेतन मिलेगा।

क‍िशोर का कहना है क‍ि वह गांव के स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ाई करता है। पेट की भूख मिटाने को पढ़ाई छोड़कर पंजाब कमाने जा रहा था। इसी तरह से पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर आद‍ि जगहों के क‍िशोर भी जा रहे थे। इनके पास खेती के लिए कोई जमीन नहीं हैं। कोरोना संक्रमण के बाद गांव में कोई काम नहीं हैं। ऐसे हालत में परिवार का पेट भरने के लिए कुछ नहीं बचा है। इसी लिए काम करने चंडीगढ़ व लुधियाना जा रहे हैं। काम दिलाने को ले जाने वाले ने ही ट्रेन का टिकट लिया था। दिनाजपुर पश्चिम बंगाल, कटिहार बिहार, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश के सात बाल श्रमिक शामिल हैं।

पकड़े गए आरोप‍ित गिरफ्तार आरोप‍ित : शाहनूर आलम निवासी रायगंज, उत्तरी दीनापुर पश्चिम बंगाल- दुलाल शर्मा, निवासी आजमनगर, कटिहार (बिहार) - बृजेश शर्मा निवासी चंडीगढ़। 

गांव-गांव संपर्क कर तलाशते थे बाल श्रमिक : बाल श्रम कराने के तीनों आरोपित अपने जान पहचान वालों के साथ पिछड़े क्षेत्रों में श्रमिक तलाशते थे। उनके साथ पहले से काम करने वालों से भी कोई संपर्क करता था, वह इनको बता देते। बाद में उन क्षेत्रों में जाकर सभी को एक साथ लेकर निकलते हैं। बताया जा रहा है कि गरीब परिवार के बच्चों और युवकों को ले जाकर पंजाब व आसपास के प्रदेशों में काम दिलाते हैं। इसके लिए वह कमीशन भी लेते थे। हालांकि, आरोपितों ने अपने काम के बारे में काेई भी जानकारी देने से इन्कार कर दिया। रेलवे चाइल्ड लाइन के हवाले किए गए कर्मभूमि एक्सप्रेस से उतारे गए 82 यात्री जीआरपी चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिए गए। टीम उन्हें साथ ले गई। इसके बाद साथ बच्चों की उम्र की जांच के साथ ही आरोपितों की जांच के लिए मेडिकल कराया गया है। नाबालिग बच्चों के अभिभावकों को सूचना दे दी गई है। उनके आने पर बच्चों को अभिभावकों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।


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