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    Kamal Chauhan Murder: डबल फाटक पर 'पुड़िया' का खेल, 14 साल में पांच लोग की हत्‍या... एक बार फ‍िर गैंगवार को हवा

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 08:14 PM (IST)

    मुरादाबाद के डबल फाटक इलाके में नशे का कारोबार फलफूल रहा है जहां कई घर नशीले पदार्थों की खुलेआम बिक्री कर रहे हैं। ग्राहक कोडवर्ड का इस्तेमाल करते हैं और पुलिस की निष्क्रियता के कारण पिछले 14 वर्षों में पाँच हत्याएँ हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार यह कारोबार एक संगठित नेटवर्क के तहत चलता है जिसमें कई लोग शामिल हैं।

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    कर्बला मार्ग पर तैनात सीओ कुलदीप गुप्ता व इंस्पेक्टर सिविल लाइंस, मृतक कमल चौहान का फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। शहर का डबल फाटक इलाका अब नशे के सौदागरों का गढ़ बन चुका है। यहां कई घरों में खुलेआम नशे का सामान बेचा जा रहा है। ग्राहक सीधे दरवाजे पर पहुंचते हैं और कोडवर्ड में कहते हैं, पुड़िया चाहिए, फिर चुपचाप रुपये देकर नशे की गोलियां, चरस और गांजा जैसी खतरनाक चीजें ले जाते हैं। यह सिलसिला कोई नया नहीं, बल्कि लंबे समय से चल रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुलिस को सबकुछ पता होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। उसी का नतीजा है कि पिछले 14 साल में पांच लोगों की हत्या इसी कारोबार के चलते हो गई है।

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    स्थानीय लोगों की मानें तो यह कारोबार पूरे नेटवर्क के तहत संचालित होता है। इलाके के कई घरों में नशे का माल छिपा कर रखा जाता है और फिर कोडवर्ड में मांग पर सप्लाई की जाती है। पुलिस ने कई बार छापेमारी करने की कोशिश की, लेकिन हर बार नशा माफिया बच निकलते हैं। ऐसा लगता है मानो उन्हें पहले ही सूचना मिल जाती हो।

    डबल फाटक पुल के नीचे और उसके आसपास बनी झोपड़ियों में भी मादक पदार्थों की बिक्री जमकर हो रही है। यहां रहने वाले लोग नशे के कारोबार में लिप्त हैं। खासतौर पर सनी, जो खुद इन झोपड़ियों में बैठकर गांजा और चरस बेचता है, सनी अकेला नहीं है, उसके साथ सुभाष और नकुल जैसे साथी भी इस नेटवर्क का अहम हिस्सा हैं। इन दोनों की जिम्मेदारी ठाकुरद्वारा से काशीपुर तक नशे का सामान पहुंचाने की होती है। नशे का कारोबार वर्षों से चल रहा है और इस कारोबार को अपने हाथ में रखने के लिए समय-समय पर इस इलाके में लोगों की हत्या तक की जा रही है।

    शुरुआत वर्ष 2011 में राजेश सैनी की हत्या करके की गई। इसके बाद संजय सैनी की हत्या हुई। बाद में ध्यान सिंह सैनी की हत्या कर दी गई। इसी बीच झोपड़ी डालकर रहने वाले बंगाल के एक व्यक्ति की भी हत्या की गई थी। अब कमल की हत्या ने एक बार फिर गैंगवार को हवा दे दी है।

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