मुरादाबाद में अब मिलावटी खाद्य सामग्री बेचना होगा मुश्किल, कुछ ही मिनट में हो जाएगी गुणवत्ता की पहचान
इस बार होली पर खादय पदार्थों में मिलावट करना आसान नहीं होगा। जिले में इस बार मोबाइल प्रयोगशाला भेजी गई है। इसके माध्यम से तत्काल जांच के साथ गुणवत्ता की पहचान हो सकेगी। अब तत्काल आरोपितों पर कार्रवाई भी हो सकेगी।
मुरादाबाद, जेएनएन। होली में इस बार मिलावटी सामान को बेचना मुश्किल हो जाएगा। नमूना लेेने के चंद मिनट में जांच हो जाएगी और घटिया खाद्य सामग्री को तत्काल नष्ट कर दिया जाएगा। दुकानदार को पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।
होली में अवसर पर रंगीन कचरी, रंगीन पापड़ आदि की मांग बढ़ जाती है। दुकानदार चमकीला बनाने के लिए अखाद्य रंग मिला देते हैं। गुजिया में असली मावा के स्थान पर घटिया व कृत्रिम मावा का प्रयोग किया जाता है। पिसा मसाला, मिर्च में कैमिकल्स का प्रयोग किया जाता है। इन पदार्थों के खाने से लीवर, किडनी आदि को नुकसान पहुंचता है। शासन के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम त्योहार के पहले नमूना लेने के लिए अभियान चलाती है। टीम के पास कोई जांच करने का उपकरण नहीं होता है, इसलिए तत्काल घटिया व कैमिकल्स युक्त पदार्थों की पहचान नहीं हो पाती है। नमूना लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाता है। प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आने में तीन माह तक का समय लग जाता है। तब तक घटिया खाद्य पदार्थ लोग खा लेते हैं। शासन ने जिले को मोबाइल प्रयोगशाला की सुविधा दी है। खाद्य सुरक्षा की टीम नमूना लेगी और तत्काल नमूने की जांच कर लिया जाएगा। घटिया सामग्री पाए जाने पर खााद्य पदार्थों को नष्ट कर दिया जाएगा। इससे आम लोग घटिया खाद्य सामग्री खाने से बच जाएंगे। केमिकल्स युक्त खाद्य पदार्थ पाए जाने पर खाद्य सुरक्षा की टीम दुकानदार को पुलिस के हवाले कर देगी। अभिहित अधिकारी बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि रविवार से मोबाइल प्रयोगशाला द्वारा खाद्य पदार्थों के नमूने की जांच शुरू हो चुकी है।