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    इस्लाम में मर्द व औरत का दर्जा बराबर

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 13 Oct 2017 12:03 AM (IST)

    कुंदरकी: मौलाना सिब्ते हैदर जैदी ने कहा कि इस्लाम में मर्द व औरत का दर्जा बराबर है। बिना इल्

    इस्लाम में मर्द व औरत का दर्जा बराबर

    कुंदरकी: मौलाना सिब्ते हैदर जैदी ने कहा कि इस्लाम में मर्द व औरत का दर्जा बराबर है। बिना इल्म के कोई भी कौम तरक्की नहीं कर सकती। मुहल्ला काजियान इमामबाड़ा शोहदा-ए-कर्बला में खमासा-ए- सज्जादिया की दूसरी मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने कहा कि रसूले करीम ने इल्म हासिल करने का पैगाम दिया। बिना इल्म के कोई भी कौम तरक्की नहीं कर सकती। औरत पर जुल्म करने वालों को इस्लाम पंसद नहीं करता। चौदह सौ साल पहले यजीद भी औरतों को अपना गुलाम समझता था, उन पर जुल्म करता था। हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में इंसानियत का पैगाम दिया। यही वजह है कि उनके गम में इंसानियत पंसद लोग शरीक रहते हैं। कहा कि आतंकवाद और दहशतगर्दी के नाम पर इस्लाम को बदनाम करने की कोशिशें की जा रही हैं। रसूले करीम और आले रसूल ने अपने किरदार से इस्लाम को फैलाया। हजरत इमाम हुसैन ने सर देकर इस्लाम बचाया। रसूले करीम और आले रसूल से मुहब्बत करने वाला आतंकवादी और दहशतगर्द नहीं हो सकता। मोहसिन अब्बास काजमी ने मरसिया पढ़ा। शाहजी अब्बास, रजा असकरी ने नौहाख्वानी की। मौलाना आसिफ नकवी, नय्यर रजा नकवी, मेहंदी अब्बास, अजहर अब्बास, शाने अरब, गजनफर अब्बास, मंजूर मेहंदी, मुहम्मद मिया, नावेद रजा, जाने आलम, नजीर हैदर मौजूद रहे।

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