संवाद सहयोगी, चंदौसी-मुरादाबाद। अभी प्रमोद के बेटे ने सही से आंखे भी नहीं खोली थी, कि भगवान ने उसके सिर से पिता का साया उठा लिया। अब उसकी एक वर्ष की बेटी और 15 दिन के बेटे का पालन पोषण कौन करेगा। यह शब्द कोल्ड स्टोरेज के चैंबर गिरने से मलबे के नीचे दबने से हुई कोतवाली क्षेत्र के गांव एतौल निवासी मृतक प्रमोद की पत्नी दिव्या की मुख से पति के शव को देखकर निकल रहे थे।

पल्लेदार और कई किसान दबे थे

कोतवाली क्षेत्र के इस्लाम नगर रोड पर गांव बर्रई के निकट स्थित एआर कोल्ड स्टोरेज का चैंबर गुरुवार की सुबह 11 बजे अचानक भरभराकर गिर गया था, जिसके मलबे में वहां पर पल्लेदारी करने वाले काफी पल्लेदार, मुंशी व कई किसान दब गए थे। मृतकों में एतौल निवासी 28 वर्षीय प्रमोद कुमार पुत्र देवी दास भी शामिल थे। प्रमोद के शव को देखते ही मौके पर जमा लोगों की जुबान पर बस एक ही बात थी कि मात्र 15 दिन पहले ही जन्मे उसके मासूम बेटे को क्या मालूम था कि अभी उसकी सही से आंखे भी नहीं खुल रही हैं और उसके सिर से पिता का साया भी उठ जाएगा। एक वर्ष की बेटी के सिर से भी पिता का साया उठ गया। अब बच्चों के साथ पत्नी का पालन पोषण कौन करेगा।

15 दिन पहले ही पैदा हुआ था मृतक प्रमोद को बेटा

मेरे पति जिंदा हैं साहब... फोन करके बताया, उनको निकाल लो कोल्ड स्टोरेज का चैंबर गिरने से उसके मलबे में लोगों के दबने के बाद उनके स्वजन मौके पर पहुंच गये थे और अपनों की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना के साथ अधिकारियों से शीघ्र मलबा हटवाकर सभी को बाहर निकालने के लिए गुहार लगा रहे थे।

पत्नी ने बताया फोन पर कह रहे थे जिंदा हूं...

शुक्रवार की सुबह तक जब प्रमोद को नहीं निकाला गया तो स्वजन के साथ पत्नी दिव्या भी मौके पर पहुंच गयी और अधिकारियों से रोते हुए बता रही थीं कि पति ने उनके पास फोन किया था कि वह जिंदा हैं, लेकिन मलबे में दबे हुए हैं। जल्दी से सभी स्वजन को भेजकर मुझे निकलवा लो। इसलिए मेरे पति जिंदा हैं, उनको सही सलामत निकाल लो साहब, लेकिन दोपहर को लगभग तीन बजे प्रमोद के शव को बाहर निकाला। पति का शव देखकर दिव्या बदहवास हो गईं। 

Edited By: Abhishek Saxena