LPG Subsidy : महंगाई खा गई रसोई गैस की सब्सिडी, खाते में आ रहे केवल 19 रुपये, हिसाब लगाने में चकरा रहे उपभोक्ता
LPG Cylinder Price Subsidy पेट्रोलियम कंपनियां गुपचुप घरेलू सिलेंडर के दाम बढ़ाती रहीं लेकिन सब्सिडी का गणित बिगड़ता चला गया। अब उपभोक्ताओं को यह समझ में नहीं आ रहा है कि उनके खाते में सब्सिडी किस हिसाब से भेजी जा रही है।
मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। LPG Cylinder Price Subsidy। रसोई में महंगाई की आग ने धीरे-धीरे गैस सब्सिडी को अपनी लपेट में ले लिया। पेट्रोलियम कंपनियों ने सिलेंडर की कीमतें इतनी चतुरता से बढ़ाईं कि इसका हिसाब आम उपभोक्ता के समझ में नहीं आया। अब उपभोक्ता लगभग 715 रुपये का सिलेंडर खरीद रहे हैं और सब्सिडी के 19.90 रुपये खाते में आ रहे हैं। एकाएक रसोई गैस पर पड़ी महंगाई की मार ने कई घरों का बजट बिगाड़कर रख दिया है।
रसोई गैस पर पहले सब्सिडी कंपनियों को दी जाती थी। दो फरवरी, 2015 को केंद्र सरकार ने कालाबाजारी रोकने के लिए सिलेंडर बाजार मूल्य पर उपलब्ध कराना शुरू कर दिया और सब्सिडी उपभोक्ताओं के खाते में भेजी जाने लगी। उस वक्त प्रति घरेलू सिलेंडर की कीमत 998 रुपये थी। इस लिहाज से उपभोक्ता के खाते में 568 रुपये सब्सिडी के पहुंचते थे और सिलेंडर की कीमत 430 रुपये होती थी। इसके बाद कीमतों में थोड़ा ही उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहा, उसके हिसाब से सब्सिडी का गणित भी सही रहा।
कोरोना के पहले यानी मार्च 2020 में गैस सिलेंडर की कीमत 878.75 रुपये थी, उपभोक्ताओं के बैंक खाते में गैस सब्सिडी के 311.95 रुपये आए। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगा और अप्रैल, 2020 में सब्सिडी राशि धीरे से घटाकर 182.90 रुपये कर दी गई। मई में सिलेंडर की कीमत घटकर 580 रुपये और सब्सिडी शून्य हो गई।
कीमत बढ़ी, सब्सिडी नहीं लौटी
पिछले वर्ष पहली जून को पेट्रोलियम कंपनियों ने सिलेंडर की कीमत 580 रुपये से बढ़ाकर 615.50 रुपये कर दी। सब्सिडी इसमें मात्र 19.90 रुपये रह गई। इसके बाद 31 अक्टूबर तक गैस की कीमत और सब्सिडी में बदलाव नहीं आया। पहली नवंबर से गैस की कीमत फिर बढ़ा दी गई। 14 किलो वाला सिलिंडर 665.50 रुपये का हो गया और सब्सिडी 19.90 रुपये रह गई।पेट्रोलियम कंपनियों ने 15 दिसंबर को गैस की कीमत बढ़ाकर 715.50 रुपये प्रति सिलेंडर कर दी। इस बार भी सब्सिडी 19.90 रुपये पर ही रही।
एजेंसियों पर पहुंच रहे उपभोक्ता
पेट्रोल की तरह सिलेंडर के दाम में हुए बदलाव का गणित क्या है, यह जानने के लिए उपभोक्ता एजेंसियों पर पहुंचते हैं। लेकिन वहां समझाया जाने वाला हिसाब समझ नहीं आता। उपभोक्ता अमनदीप कौर कहती हैं कि सिलेंडर में जेब खाली हो रही है लेकिन, सब्सिडी किस हिसाब से मिल रही है, मैं कभी नहीं समझ सकी। इस बारे में भारत पेट्रोलियम, मुरादाबाद में सेल्स ऑफिसर नृपेंद्र सिंह कहते हैं कि एलपीजी गैस सिलेंडर निर्धारित कीमत पर मिलता है। सब्सिडी कितनी देनी है, यह सरकार तय करती है। उसी के आधार पर पर उपभोक्ता के खाते में राशि भेजी जाती है। सब्सिडी राशि कम क्यों की गई, इसके बारे में जानकारी नहीं है।