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Indian Railways : अब रेलवे का होगा अपना मोबाइल सिस्टम, वीड‍ियो कॉल भी कर सकेंगे कर्मचारी, ये हैं खास बातें

रेलवे को वॉकी-टाॅकी चलाने के लिए संचार मंत्रालय से फ्रीक्वेंसी बैंड लेना पड़ता है और उसके सालाना किराया का भुगतान करना पड़ता है। रेलवे ने वाॅकी टाॅकी को बंद कर आधुनिक संचार सिस्टम ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मियों को देने की योजना तैयार की है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 08:50 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 08:50 AM (IST)
Indian Railways : अब रेलवे का होगा अपना मोबाइल सिस्टम, वीड‍ियो कॉल भी कर सकेंगे कर्मचारी, ये हैं खास बातें
वाॅकी टाॅकी के स्थान पर मिलेगा मोबाइल ट्रेन रेडियो सिस्टम।

मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। ट्रेन संचालन से जुड़े रेल कर्मियों के हाथों से अब वाॅकी-टाॅकी गायब होने वाला है। इसके स्थान पर बाधारह‍ित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार सेवा उपलब्‍ध कराई जाएगी। इससे कर्मचारी आपस में बात कर पाएंगे और वीडियो कालिंग भी कर सकेंगे। रेल प्रशासन जल्‍द ही मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार सेवा की शुरुआत करने जा रहा है।

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रेलवे ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारियों को आपस में संपर्क स्थापित करने के लिए वाॅकी टाॅकी उपलब्ध कराता है। वाॅकी-टाॅकी सिस्टम में केवल ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारी ही वार्ता कर सकते हैं, इसमें कोई बाहरी व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। लाइन व्यस्त होने की कोई समस्या नहीं होती है। इसलिए ट्रेन व मालगाड़ी के चालक, गार्ड, स्टेशन मास्टर, पानी भरने वाले कर्मचारी, ट्रेन की लाइट ठीक करने वाले कर्मचारी, ट्रेन की सुरक्षा को तैनात आरपीएफ के जवानों को वाॅकी-टाॅकी दी जाती है। इससे सूचना लीक होने का खतरा नहीं होता है। वाॅकी-टाॅकी में जब कोई एक कर्मचारी बोलता है तो कोई अन्य कर्मचारी नहीं बोल सकता है। पहले कर्मचारी के बोलना बंद होेने पर ही दूसरा कर्मचारी जवाब देता है। रेलवे को वॉकी-टाॅकी चलाने के लिए संचार मंत्रालय से फ्रीक्वेंसी बैंड लेना पड़ता है और उसके सालाना किराया का भुगतान करना पड़ता है। रेलवे ने वाॅकी टाॅकी को बंद कर आधुनिक संचार सिस्टम ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मियों को देने की योजना तैयार की है। इसके लिए लांग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) आधारित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार सेवा की शुरुआत की जा रही है। इस सिस्टम में भी बाहरी व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। एक साथ कई कर्मचारी आपस में वार्ता कर सकते हैं। इसके द्वारा कर्मचारी वीडियो कॉल भी कर सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर कई कर्मचारी आपस में वीडियो कांफ्रेंसिंग भी कर सकते हैं। इसके द्वारा आपस में डाटा भी भेज सकता है। इसमें नेटवर्क गायब और लाइन व्यक्त होने की कोई समस्या नहीं होगी। रेलवे मंत्रालय ने देश भर में इस सिस्टम को लगाने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस योजना को पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए रेलवे ने सात सौ मेगाहटर्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में पांच मेगाहटर्ज स्पेक्ट्रम लेने की मंजूरी दी है। मुरादाबाद रेल मंडल में वर्तमान में लगभग तीन हजार से अधिक वाॅकी-टाॅकी हैं। मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार सेवा शुरू होने पर यहां के कर्मचारियों को वाॅकी-टाॅकी के स्थान पर मोबाइल दिया जाएगा।

वॉकी टॉकी की खास बातें : केवल वार्ता करने की सुविधा, एक बार में एक ही कर्मचारी बोल सकता है। अन्य कर्मचारी भी दूसरे कर्मचारी की आवाज सुन सकते हैं।

मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार सेवा की खास बातें : कॉल करने की सुविधा, वीडियो काॅलिंग व वीडियो कांफ्रेंसिंग की होगी सुविधा, इस सिस्टम से डाटा भेजने की भी होगी सुविधा।

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