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    Indian Railways : आधुनिक पेंड्रोल क्लिप उठाएगी मालगाड़ी का भार, ट्रेनों की गति में भी होगी वृद्धि

    By Narendra KumarEdited By:
    Updated: Sat, 14 Aug 2021 08:57 AM (IST)

    ट्रेन संचालन में पेंड्रोल क्लिप का महत्व है। स्लीपर और रेल लाइन को आपस में जोड़े रखने के लिए काम करती है। मालगाड़ी की एक बोगी में 58 मीट्रिक टन माल भरा जाता है। मालगाड़ी या ट्रेन चलती है तो पेंड्रोल क्लिप पर आठ सौ किलो का भार डालती है।

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    सहारनपुर-लखनऊ रेल मार्ग पर लगाए जा रहे हैं नए पेंड्रोल क्लिप।

    मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। पेंड्रोल क्लिप मालगाड़ी का अधिक भार उठाने के साथ तेज गति से चलाने में सहायक का काम करेगी। इससे ट्रेनों की गति में भी वृद्धि होगी। साथ ही ट्रेन दुर्घटना रोकने में सहायक साबित होगी। मुरादाबाद रेल मंडल में सहारनपुर से लखनऊ के बीच मुख्य रेल मार्ग में आधुनिक पेंड्रोल क्लिप लगाई जा रही है।

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    ट्रेन संचालन में पेंड्रोल क्लिप का अपना महत्व है। यह स्लीपर और रेलवे लाइन को आपस में जोड़े रखने का काम करती है। मालगाड़ी की एक बोगी में 58 मीट्रिक टन माल भरा जाता है। मालगाड़ी या ट्रेन चलती है तो वर्तमान पेंड्रोल क्लिप पर आठ सौ किलो का भार डालती है। पेंड्रोल क्लिप इस भार को सहने के बाद भी नहीं टूटती है और स्लीपर व रेलवे लाइन को अलग नहीं होने देती है। गति से दौड़ने वाली ट्रेनों के कंपन के बाद भी पेंड्रोल क्लिप अपना स्थान नहीं छोड़ती है। मालगाड़ी में क्षमता से अधिक माल लोड कर देने से पेंड्रोल क्लिप टूट जाती है और स्लीपर से लाइन के अलग होते ही ट्रेन दुर्घटना होने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं। वर्तमान पेंड्रोल क्लिप का वजन नौ सौ ग्राम होता है। रेलवे ने आधुनिक पेंड्रोल क्लिप तैयार की है। यह वर्तमान पेंड्रोल क्लिप से आकार में 16 फीसद बड़ी होती और वजन एक किलो सौ ग्राम होता है। चलती ट्रेन या मालगाड़ी के झटके के 14 सौ किलो का भार यह सहन कर सकती है। इसके बाद मालगाड़ी में माल लोड करने की मात्रा में वृद्धि की जा सकती है। ट्रेनों को तेज गति से चलाया जा सकता है। इसके बाद भी पेंड्रोल क्लिप अपना स्थान नहीं छोड़ती है और अधिक भार के बाद भी नहीं टूटती है। मुरादाबाद रेल मंडल प्रशासन ने स्लीपर व रेलवे लाइन बदलने के बाद अब पुराने पेंड्रोल क्लिप के स्थान पर आधुनिक पेंड्रोल क्लिप लगाने का काम शुरू कर द‍िया है। चार सौ किलो मीटर रेल मार्ग पर आधुनिक पेंड्रोल क्लिप लगाई जा चुकी है। शेष मार्ग पर 31 मार्च तक पुराने पेंड्रोल के स्थान पर नए पेंड्रोल क्लिप लगाने का लक्ष्य है। जहां तक पेंड्रोल क्लिप लग चुकी हैं, उस स्थान पर ट्रेनों को तेज गति से चलाया जा रहा है।प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि रेलवे लाइन और स्लीपर बदलने के बाद पुराने के स्थान पर आधुनिक पेंड्रोल क्लिप लगाई जा रहीं हैं।