आज भी ट्रेन संचालन और संरक्षा पुराने जमाने के इस उपकरण के भरोसे चल रही, इसके हटने से हो सकती हैं बड़ी दुर्घटनाएं
Indian Railway News आधुनिक संचार सेवाएं उपलब्ध होने के बाद भी सुरक्षित ट्रेनों के संचालन के लिए आज भी रेलवे पुराने लैंडलाइन फोन पर भरोसा करता है। ट्रेनों के संचालन में लैंडलाइन यानी टेलीफोन की विश्वसनीय भूमिका शुरू से रही है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Indian Railway News : आधुनिक संचार सेवाएं उपलब्ध होने के बाद भी सुरक्षित ट्रेनों के संचालन के लिए आज भी रेलवे पुराने लैंडलाइन फोन पर भरोसा करता है। ट्रेनों के संचालन में लैंडलाइन यानी टेलीफोन की विश्वसनीय भूमिका शुरू से रही है। रेलवे ने आसपास में वार्ता करने के लिए के स्थानों पर टेलीफोन एक्सचेंज बना रखेे हैंं। ट्रेन संचालन करते समय कंट्रोल रूम या पावर केबिन में तैनात कर्मचारी स्टेशन मास्टर को आदेश देने के साथ गोपनीय नंबर संबंधित कर्मचारी को भी देता है और संबंधित कर्मचारी भी गोपनीय नंबर देता है। गोपनीय नंबर आज भी टेलीफोन द्वारा दिया जाता है। मोबाइल या इंटरनेट के द्वारा गोपनीय नंबर का आदान प्रदान करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। गोपनीय नंबर के लीक होने या हेरफेर होने पर बड़ी ट्रेन दुर्घटना हो सकती है।
दो साल पहले तक स्टेशन पर लगे जनरल टिकट बुकिंग काउंटर, रिजर्वेशन बुकिंग काउंटर, पूछताछ काउंटर ट्रेन संचालन के लिए बिजली लाइन पर निगरानी के लिए बीएसएनएल टेलीफोन का कनेक्शन लिया जाता था। इसी कनेक्शन के बाद ब्राडबैंड सेवा उपलब्ध होती थी। टेलीफोन खराब होते रहने से ट्रेन का संचालन प्रभावित होता था और टिकट आदि लेने में यात्रियों को परेशानी होती थी। रेलवे ने इसके लिए स्काडा सिस्टम बनाया है और इन स्थानों पर लैंड लाइन के बजाय स्काडा सिस्टम से काम किया जा रहा है।
मुरादाबाद रेल मंडल में 152 स्टेशन है। यहां ट्रेन संचालन के लिए अभी टेलीफोन का कनेक्शन लगा हुआ। इसके अलावा कंट्रोल रूम व पावर केबिन में भी टेलीफोन लगा हुआ है। केबल कटने या टेलीफोन खराब होने से ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है। रेलवे प्रशासन टेलीफोन से मुक्ति पाना चाहता है, लेकिन आधुनिक संचार सेवा ट्रेन संचालन के लिए भरोसेमंद साबित नहीं हो रही है। खर्च कम करने के लिए रेलवे के संकेत व दूरसंचार विभाग के अधिकारी विकल्प की तलाश कर रहेे हैंं, जो लैंडलाइन फोन की तरह भरोसेमंद होगा। इससे रेलवे को बाधा रहित ट्रेन संचालन के साथ आर्थिक बचत होगा।मंडल वाणिज्य प्रबंधक गौरव दीक्षित ने बताया कि टेलीफोन के विकल्प की तलाश की जा रही है।

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