अमरोहा की जमीन के विवाद से आहत कारोबारी ने दिल्ली में की आत्महत्या, मुख्यमंत्री के नाम लिखा सुसाइड नोट
Businessman commits suicide in Delhi अमरोहा के डिडौली कोतवाली क्षेत्र में हाईवे पर जमीन खरीदने वाले दिल्ली के कारोबारी ने फांसी लगाकर जान दे दी।दिल्ल ...और पढ़ें

मुरादाबाद, जेएनएन। Businessman commits suicide in Delhi : अमरोहा के डिडौली कोतवाली क्षेत्र में हाईवे पर जमीन खरीदने वाले दिल्ली के कारोबारी ने फांसी लगाकर जान दे दी।दिल्ली में आत्महत्या करने से पहले कारोबारी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसमें कारोबारी ने खरीदी गई जमीन के विवाद के चलते यह कदम उठाने का उल्लेख किया है। कारोबारी के शव को दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
मूल रूप से सम्भल जिले के थाना नखासा क्षेत्र के गांव मिलक शाहपुर निवासी मोहम्मद जाबिर अली फर्नीचर कारोबारी थे। वर्तमान में वह दिल्ली के ओम विहार थाना उत्तम नगर क्षेत्र में परिवार सहित रहते थे। एक अगस्त 2018 को मोहम्मद जाबिर ने मुरादाबाद के बारादरी निवासी सैफ आलम से हाईवे पर गांव अम्हेड़ा में 12 बीघा जमीन खरीदी थी। यहां पर वह फैक्ट्री लगाने की तैयारी कर रहे थे।
आरोप है कि सैफ आलम के भाई सऊद आलम ने अपनी बहन शाजिया निवासी कविनगर गाजियाबाद के जरिये उस जमीन के दाखिल खारिज पर रोक लगाने के लिए आपत्ति दर्ज कराई थी। इस मामले को लेकर ही मोहम्मद जाबिर अवसाद में चल रहे थे। शुक्रवार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे उन्होंने घर में ही फांसी लगाकर जान दे दी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम छोड़े गए सुसाइड नोट में जमीन के विवाद के चलते आत्महत्या करने का जिक्र किया है।
कारोबारी की मौत के बाद उत्तम नगर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक के साले जलालुद्दीन ने दूरभाष पर बताया कि पोस्टमार्टम के बाद वह अग्रिम कार्रवाई कराएंगे। उन्होंने बताया कि शाजिया की आपत्ति पर वह एसडीएम कोर्ट व कमिश्नरी में मुकदमा जीत चुके थे। तहसीदार अमरोहा ने दाखिल-खारिज कर दिया था। परंतु बाद में एसडीएम सदर के कोर्ट से उस पर रोक लगा दी गई थी। जाबिर ने सुसाइड नोट में इसका हवाला भी दिया है।
कारोबारी ने भाई-बहन पर कराई थी रिपोर्ट : हाईवे पर स्थित 12 बीघा जमीन के विवाद में मृतक जाबिर ने सऊद आलम व शाजिया के खिलाफ डिडौली कोतवाली में धोखाधड़ी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। अभी इस मामले में विवेचना प्रचलित है। डिडौली कोतवाली के एसएसआइ देवेंद्र सिंह इस प्रकरण की विवेचना कर रहे हैं।एसडीएम विवेक यादव ने बताया कि किसी भी वाद का निस्तारण न्यायिक प्रक्रिया के तहत होता है। यदि वादी निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो वह उसके खिलाफ उच्च अदालत में याचिका दायर कर सकता है।

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