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    अमरोहा में मानवता शर्मसार, पहले पिता ने फिर पति ने महिला को देह व्यापार के दलदल में धकेला

    By Samanvay PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 10 Aug 2021 06:56 PM (IST)

    Humanity embarrassed in Amroha अमरोहा जनपद में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है।एक गांव में मां की मौत के बाद पहले पिता ने नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। पिता की हरकतों से तंग आकर किशोरी ने घर छोड़ दिया।

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    इंसाफ के लिए अफसरों की चौखट के चक्कर लगा रही पीड़िता।

    मुरादाबाद, जेएनएन। Humanity embarrassed in Amroha : अमरोहा जनपद में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है।एक गांव में मां की मौत के बाद पहले पिता ने नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। पिता की हरकतों से तंग आकर किशोरी ने घर छोड़ दिया तो एक पेट्रोल पंप स्वामी ने नोएडा निवासी अपने कर्मी के साथ निकाह करा दिया। पति भी शराब पीकर दोस्तों के सामने पत्नी को परोसने लगा। देह व्यापार के धंधे में उतार दिया। विरोध किया तो तीन तलाक दे दिया। अब पीड़िता वहां से भाग निकली तथा डीआईजी को शिकायती पत्र भेज कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई कराने की मांग की है।

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    मामला जनपद बिजनौर व अमरोहा से जुड़ा है। जनपद बिजनौर के नहटौर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी युवती की मां की मौत हो गई थी। आरोप है कि लगभग 15 साल की उम्र में पिता ने शराब के नशे में बेटी के साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद पर उसका शारीरिक शोषण करने लगा। पिता के शोषण से बचने के लिए वह घर से भाग आई। चार महीना पहले देहात थाना क्षेत्र में स्थित एक पेट्रोल पंप के स्वामी से संपर्क में आई किशोरी का निकाह पंप स्वामी ने नोएडा के दादरी निवासी अपने कर्मी से करा दिया। दोनों दादरी चले गए।

    आरोप है कि वहां पर पति ने ही विवाहिता को दोस्तों के सामने पेश कर दिया। उसे देह व्यापार के धंधे में उतार दिया। विरोध करने पर तीन तलाक देकर घर में कैद कर लिया। बीती दो अगस्त को महिला वहां से भाग निकली तथा अमरोहा आकर शरण ली। यहां चार अगस्त को एसपी दफ्तर में पत्र दिया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। लिहाजा पीड़िता ने अब डीआइजी को पत्र देकर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई कराने की मांग की है। पीड़िता फिलहाल अमरोहा में एक परिवार में शरण लिए हुए हैं।

    थानाध्यक्ष सुनील मलिक ने बताया कि मामला संज्ञान में है। परंतु पीड़िता बयान दर्ज कराने नहीं पहुंच रही है। प्रार्थना पत्र पर दर्ज मोबाइल नंबर भी अधिकतर बंद रहता है। प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। अग्रिम जांच के लिए पीड़िता को पुलिस का सहयोग करना चाहिए। वह अभी तक बयान दर्ज कराने पुलिस के सामने नहीं आई है।