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    मुरादाबाद में पकड़े गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी उल्फत को 10 साल की सजा, POK से लेकर आया था ट्रेन‍िंग

    Updated: Wed, 28 May 2025 02:31 PM (IST)

    मुरादाबाद में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी उल्फत हुसैन को 10 साल की सजा सुनाई गई। उसे 2002 में गिरफ्तार किया गया था और 2008 में जमानत पर फरार हो गया था ...और पढ़ें

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    कोर्ट ने आतंकी पर 48 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।- सांकेति‍क तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी उल्फत हुसैन को दस साल की सजा सुनाई गई है। आतंकी को 2002 में मुरादाबाद में तीन अन्य साथियों के साथ आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण गिरफ्तार किया गया था। 2008 में जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया था। पुलिस ने उसे सात मार्च, 2025 को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने आतंकी पर 48 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

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    उल्फत 2000 से पहले पाक अधिकृत कश्मीर में संचालित आतंकी कैंप में एक साल का प्रशिक्षण लेकर आया था। वहां पाकिस्तान की एक पार्टी का बड़ा नेता समय-समय पर आता था। वह नेता आतंकियों के साथ भारत में हमले कराने की रणनीति बनाता था। किस समय कैसे हमला करना है? इसका दिन भी कैंप में तय होता था। उल्फत के पिता के पास भी आतंकी आते रहते थे।

    2002 में गिरफ्तारी से पहले उल्फत मुरादाबाद के मुहम्मद तकी उर्फ कारी तकी, रिजवान और रामपुर के जफर आलम के साथ मुरादाबाद में आतंकी घटना को अंजाम देना चाहता था। इस बीच नौ जुलाई, 2002 को चारों को गिरफ्तार कर लिया गया था। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने हथियार और विस्फोटक सामान बरामद किए थे।

    दिखावे के लिए आरा मशीन पर करता था काम

    आतंकी ने 2008 में जेल से रिहा होने के बाद अपने गांव के पास एक आरा मशीन पर काम करना शुरू कर दिया था। पुलिस और लोगों को दिखावे के लिए यह आरा मशीन पर काम करता जबकि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लगातार लिप्त रहता था। हालांकि, एटीएस पता लगा रही है कि उसने अब तक कितने लोगों को सीमा पार भेजकर आतंकी ट्रैनिंग दिलाई है। उल्फत तीन निकाह कर चुका है। उसकी तीनों पत्नी एक साथ रहती है। तीनों पत्नियों से पांच बच्चे हैं।

    बरेली और रामपुर के मदरसों में पढ़ा

    आतंकी का मुरादाबाद और बरेली मंडल से करीबी कनेक्शन रहा है। उसने रामपुर और बरेली के मदरसों में पढ़ाई की है। मुरादाबाद की मस्जिद में मौलाना भी बनकर रहा है। वर्ष 2008 में फरार होने के बाद भी वह मुरादाबाद के युवाओं के संपर्क में रहा।

    पुलिस के मुताबिक वह फरारी के दौरान भी दो बार यहां (मुरादाबाद) आया था। आतंकी ने वर्ष 2002 में रिजवान हैदर और जफर आलम को भी सीमा पार भेजकर छह माह की ट्रेनिंग दिलाई। वापसी में दोनों हथियार, गोला बारूद लेकर मुरादाबाद आए। दोनों ने हथियार और गोला बारूद रखने के लिए उत्तराखंड के रामनगर में एक कमरा किराये पर ले लिया। पुलिस को नौ जुलाई, 2002 में उल्फत की गिरफ्तारी के बाद इसी कमरे से हथियार मिले थे।