सपा को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, अब इस तारीख तक नहीं खाली करना पड़ेगा कार्यालय
मुरादाबाद में सपा कार्यालय को खाली कराने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 28 अक्टूबर 2025 तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। प्रशासन की टीम कार्यालय खाली कराने पहुंची थी, लेकिन सपा कार्यकर्ताओं ने मोहलत मांगी थी। 31 वर्ष पुराने आवंटन पर विवाद है, जिसके चलते प्रशासन ने आवंटन रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की थी।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। सिविल लाइंस क्षेत्र के चक्कर की मिलक स्थित समाजवादी पार्टी (सपा) के जिला कार्यालय को खाली कराने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से पार्टी को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने इस प्रकरण में 28 अक्टूबर 2025 तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। यानी इस तारीख तक प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगा।
सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश से पार्टी को फिलहाल राहत मिली है। प्रशासन को 28 अक्टूबर तक इस संबंध में शपथ पत्र दाखिल करना होगा। इसके बाद अदालत आगे की सुनवाई कर अगला निर्णय सुनाएगी।
प्रशासन की टीम पहुंची थी सपा कार्यालय
छह अक्टूबर को प्रशासन की टीम सपा कार्यालय खाली कराने पहुंची थी। एसीएम प्रथम प्रिंस वर्मा, तहसीलदार (सदर) आदित्य श्रीवास्तव, सीओ सिविल लाइंस कुलदीप गुप्ता और पुलिस बल मौके पर मौजूद था। टीम के पहुंचने से पहले ही सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव, पूर्व विधायक हाजी रिजवान, और कई पदाधिकारी बड़ी संख्या में कार्यालय पर मौजूद थे।
जिलाध्यक्ष ने 10 अक्टूबर को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि का हवाला देते हुए फर्नीचर और दस्तावेज हटाने के लिए चार दिन की मोहलत मांगी थी। डीएम के आदेश पर प्रशासन ने 10 अक्टूबर तक का समय दिया था, जिसके बाद 11 अक्टूबर को कब्जा लेने की तैयारी थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश से कार्रवाई पर फिलहाल रोक लग गई है।
31 वर्ष पुराने आवंटन पर उठा विवाद
कोठी नंबर-4 वर्ष 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को शासन आदेश के तहत 250 रुपये मासिक किराये पर आवंटित की गई थी। बाद में इसे सपा के जिला कार्यालय के रूप में उपयोग किया जाने लगा। वर्तमान में किराया 900 रुपये मासिक है और संपत्ति नजूल भूमि पर स्थित है, जिसका स्वामित्व राज्य सरकार के पास तथा प्रबंधन नगर निगम के अधीन है। शासनादेश के मुताबिक किसी भी भवन का आवंटन अधिकतम 15 वर्ष तक ही वैध माना जाता है, जबकि यह कार्यालय 31 वर्ष से उपयोग में है। इसी आधार पर प्रशासन ने 16 सितंबर को आवंटन निरस्त कर 15 दिन में कोठी खाली करने का आदेश जारी किया था।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से बदला मामला
मुरादाबाद की कार्रवाई का सीधा असर सुप्रीम कोर्ट की जुलाई 2025 की टिप्पणी से जुड़ा है। पीलीभीत नगर पालिका द्वारा सपा को मात्र 115 रुपये मासिक किराये पर भूमि देने के मामले में कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक दलों को सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग नहीं करने दिया जा सकता है। इस निर्णय के बाद मुरादाबाद प्रशासन ने भी जांच कर आवंटन निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
27 मार्च 2025 को नगर आयुक्त ने शासन को प्रस्ताव भेजा था कि कोठी नंबर-4 को अब किसी राजनीतिक दल को न देकर शासकीय प्रयोजन में लिया जाए। 30 जुलाई को प्रमुख सचिव नगर विकास ने जिलाधिकारी मुरादाबाद को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद से यह विवाद प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर चर्चा में बना हुआ है।
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