जानें कौन हैं रामपुर के नवाब हामिद अली खां, जिनकी प्रतिमा तोड़ने पर मचा बवाल, अपने लिए बनवाया था अलग रेलवे स्टेशन
Nawab Hamid Ali Khan Latest News Update नवाब हामिद अली के दौर में जब जिले से रेलवे लाइन गुजरी तो उन्होंने रेलवे स्टेशन के करीब ही अपने लिए अलग स्टेशन बनवाया था। दिल्ली या लखनऊ जाते समय नवाब परिवार के लोग अपने महल से अपने स्टेशन पहुंचते थे।

रामपुर, जागरण संवाददाता। Nawab Hamid Ali Khan News: हाईवे पर फोटो चुंगी पार्क में लगी नवाब हामिद अली खां की प्रतिमा तोड़े जाने के बाद रामपुर में इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व मंत्री व नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां (Naved Mian) ने कहा है कि यह प्रतिमा आजम खां (Azam Khan) के इशारे पर क्षतिग्रस्त की है। इस मामले में पुलिस को तहरीर दी गई है। प्रतिमा तोड़े जाने को लेकर हो रही सियासत के बीच हम आपको बतातें हैं कि आखिर नवाब हामिद अली खां थे कौन। यह कब रामपुर के नवाब बने और कब तक रहे। इस खबर में आपको पूरी जानकारी देंगे।
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नवाब हामिद अली खां (Nawab Hamid Ali Khan) का पूरा नाम नवाब सैयद हामिद अली खां बहादुर था। वह रामपुर के नौवें नवाब थे। उनके पिता का नाम नवाब मुश्ताक अली खां और मां का नाम खुर्शीद जहां बेगम था। नवाब हामिद अली का जन्म 31 अगस्त 1875 को हुआ था। महज 13 वर्ष की उम्र में ही 1889 में वह रामपुर के नवाब बन गए थे। उन्होंने 41 साल तक रामपुर पर राज किया। 54 साल की उम्र में उनका निधन 20 जून 1930 को हुआ था। उन्हें इराक के कर्बला में दफन किया गया था। उनके बाद उनके बेटे नवाब रजा अली खां रामपुर के नवाब बने।
नवाब हामिद अली ने बनाया अपना निजी रेलवे स्टेशन
रामपुर में सन 1774 से लेकर 1949 तक नवाबों का राज रहा। रजा अली खां रामपुर के आखिरी नवाब थे। नवाबी दौर भले ही खत्म हो चुका है लेकिन, उस दौर में बनी ऐतिहासिक इमारतें आज भी खड़ी हैं। ऐसी ही एक इमारत है रामपुर का नवाब रेलवे स्टेशन। इस स्टेशन का निर्माण नवाब हामिद अली खां ने करवाया था।
नवाब हामिद अली के दौर में जब जिले से रेलवे लाइन गुजरी तो उन्होंने रेलवे स्टेशन के करीब ही अपने लिए अलग स्टेशन बनवाया था। दिल्ली या लखनऊ जाते समय नवाब परिवार के लोग अपने महल से सीधे नवाब स्टेशन जाते और यहां से अपनी बोगियों में बैठ जाते। रामपुर स्टेशन पर ट्रेन आने पर उनकी बोगियां उसमें जोड़ दी जाती थीं।
हर वक्त तैयार रहती थीं दो बोगियां
नवाब के रेलवे स्टेशन पर हर समय दो बोगियां नवाबों के लिए तैयार रहती थीं। इसमें हर तरह की सुविधा होती थी। जब भी नवाब परिवार के सदस्य को दिल्ली, लखनऊ आदि जाना होता तो वे लोग जाकर अपनी बोगियों में बैठ जाते थे। वहां से ट्रेन में उनकी बोगियां जोड़ दी जाती थीं। हालांकि, संपत्ति विवाद के चलते नवाब स्टेशन अब खंडहर बन गया है और बोगियों को जंग लग गई है।
रामपुर से मिलक के बीच बिछवाई थी रेल लाइन
इतिहास के पन्ने पलटने पर पता चलता है कि रामपुर क्षेत्र में रेलवे सेवा 1894 में शुरू हुई थी। अवध और रुहेलखंड रेलवे ने ट्रेन की सेवा शुरू की। 1925 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश में रेल सेवा का संचालन संभाल लिया। उसी साल नवाब हामिद अली खां ने 40 किमी का निजी रेललाइन बिछवाया था। इसमें तीन स्टेशन थे-रामपुर नवाब रेलवे स्टेशन, उससे कुछ दूरी पर रामपुर रेलवे स्टेशन और फिर मिलक।
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