लखनऊ में सात सदस्य SIT के निर्देशन में टैक्स चोरी की जांच करेंगी 47 टीम, 7 दिनों में जुटाने होंगे सभी दस्तावेज
उत्तर प्रदेश में जीएसटी चोरी के मामलों की जांच के लिए डीजीपी मुख्यालय ने सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। यह टीम 47 जिलों में बनी इकाइयों का सुपरविजन करेगी और 145 मामलों की जांच की निगरानी करेगी। अधिकारियों ने टीमों को दस्तावेज एकत्र करने के निर्देश दिए हैं और एक सप्ताह तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। लखनऊ की टीम के निर्देशन में अब यह टीम काम करेगी।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। प्रदेश में व्यापक स्तर पर सामने आए जीएसटी चोरी प्रकरण की जांच को मजबूती देने के लिए डीजीपी मुख्यालय ने सात सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है। यह टीम सभी 47 जिलों में बनाई गई एसआइटी इकाइयों की सुपरविजन करेगी।
प्रदेश भर में जीएसटी चोरी से जुड़े कुल 145 मामलों की जांच अब लखनऊ में गठित आइपीएस अधिकारियों की इस टीम की निगरानी में आगे बढ़ाई जाएगी। अधिकारियों ने सभी टीमों से सात दिनों के अंदर राज्यकर विभाग से सभी दस्तावेज लेने के निर्देश दिए है।
24 अक्टूबर को राज्यकर विभाग के अधिकारियों ने दो ट्रक पकड़े थे। इन दोनों ट्रकों से जीएसटी चोरी करकेे सरिया ले जाया जा रहा था। इस मामले की अधिकारियों ने जांच शुरू की तो पता चला कि दो मोबाइल नंबरों से पंजीकृत कराई गई 122 फर्म जीएसटी चोरी कर रही है। मामला बड़ा होने के चलते शासन को भी जानकारी हुई।
इसके बाद शासन ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एसएसपी सतपाल अंतिल को एसआइटी टीत गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने एसपी क्राइम सुभाषचंद्र गंगवार के नेतृत्व में 11 सदस्य एसआइटी टीम का गठन किया था। टीम ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके बाद जिले के अलग-अलग थानों में दर्ज जीएसटी चोरी के मामले भी एसआइटी टीम को दे दिए गए।
जांच में पता चला कि 122 फर्म से नहीं बल्कि 400 से अधिक फर्म पंजीकृत कर जीएसटी चोरी की जा रही है। इस तरह के मामले प्रदेश के अलग-अलग 47 जिलों में सामने आए। जिसमें प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन जिलों में भी एसआइटी गठित की गई। जीएसटी चोरी प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी राजीव कृष्ण ने लखनऊ में सात आइपीएस अधिकारियों की एक एसआइटी टीम गठित कर दी।
शनिवार को लखनऊ की टीम ने जिलों की एसआइटी टीमों से आनलाइन बात करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगले एक सप्ताह तक किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी न की जाए। इसके बजाय सभी संबंधित दस्तावेज, लेनदेन विवरण, फर्मों के रजिस्ट्रेशन, बिलिंग रिकार्ड और संदिग्ध कंपनियों से जुड़े कागजात जुटाने पर जोर देने को कहा गया है। उद्देश्य यह है कि पर्याप्त सबूत जुटने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि मुकदमों को मजबूत बनाया जा सके।
जिले की एसआइटी टीम लगातार काम कर रही है। जांच में कुछ साक्ष्य मिले हैं। लखनऊ में भी एक एसआइटी टीम सुपरविजन के लिए गठित की गई है। अब उनके निर्देशन में हमारी टीम काम करेगी।
सुभाषचंद्र गंगवार, एसपी क्राइम

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