मुरादाबाद में GRP जवान और अधिवक्ता ने वेलफेयर इंस्पेक्टर और बेटों को पीटा, इस मामूली बात को लेकर हुआ विवाद
मुरादाबाद रेलवे जंक्शन परिसर में मजिस्ट्रेट कोर्ट के पास कार खड़ी करने को लेकर सोमवार सुबह हंगामा हुआ। आरोप है कि जीआरपी और एक वकील ने रेलवे वे ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मजिस्ट्रेट कोर्ट के पास कार खड़ी करने को लेकर सोमवार सुबह मुरादाबाद रेलवे जंक्शन परिसर में जमकर हंगामा हुआ। आरोप है कि राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) व एक वकील ने रेलवे के ही वेलफेयर इंस्पेक्टर व उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन (उरमू) के कार्यकारिणी अध्यक्ष संजय माथुर, उनके बेटों प्रियांक और सक्षम को पीट दिया।
आरोप है कि न सिर्फ स्टेशन परिसर, बल्कि कस्टडी सेल और जीआरपी थाने में भी उन्हें पीटा गया। घटना से आक्रोशित रेलवे की चारों यूनियनों के पदाधिकारी और कर्मचारी कार्रवाई की मांग को लेकर जीआरपी थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। दिनभर चले घटनाक्रम के बाद देर शाम को मामले में जीआरपी एसआइ संजीव कुमार की तहरीर पर अजय व वकील मनोज कुमार के विरुद्ध असंज्ञेय अपराध सूचना (एनसीआर) दर्ज की गई। यानी, कोर्ट के अनुमति पर ही मामले में आगे की कार्रवाई होगी।
सोमवार सुबह करीब 9:30 बजे संजय माथुर अपने रिश्तेदारों को ट्रेन में बैठाने रेलवे स्टेशन गए थे। उन्होंने रेलवे मजिस्ट्रेट की अदालत के पास कार खड़ी कर दी। आरोप है कि वहां मौजूद जीआरपी सिपाही ने कार खड़ी करने से मना किया। इस पर संजय माथुर ने ट्रेन जल्द आने और रिश्तेदारों को ट्रेन में बैठाकर तुरंत कार हटाने का हवाला दिया। इसी बात पर जीआरपी सिपाही से कहासुनी हो गई।
क्या है आरोप?
इसी दौरान एक अधिवक्ता और एक अन्य व्यक्ति भी जीआरपी की ओर से बोलने लगे। आरोप है कि इसी दौरान संजय माथुर और उनके दोनों बेटों को पीटा गया। अधिवक्ता के समर्थन में उनके साथी भी एकजुट हो गए। संजय माथुर का आरोप है कि उन्हें रेलवे मजिस्ट्रेट की कोर्ट में बनी कस्टडी सेल में भी पीटा गया।
इसके बाद जीआरपी का अन्य स्टाफ मौके पर पहुंचा और उन्हें दोनों बेटों के साथ जीआरपी थाना लाया गया। वहां भी जीआरपी सिपाहियों ने घसीट-घसीटकर बेल्टों से पिटाई की, जिससे वह घायल हो गए।
जीआरपी के सीओ अनिल कुमार ने बताया कि वेलफेयर इंस्पेक्टर संजय माथुर और उनके दोनों पुत्रों का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया है। आरोपितों के विरुद्ध एनसीआर दर्ज की गई है। जीआरपी स्टाफ की भूमिका की जांच कर रिपोर्ट एसपी रेलवे को भेजी जाएगी।

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