प्रत्येक कोरोना संक्रमित की कराई जाएगी जीनोम सिक्वेंसिंग, फिर से शुरू होगा कोरोना हेल्प डेस्क
सभी व्यक्तियों का नमूना लेकर जीनोम सीक्वेसिंग के लिए केजीएमसी लखनऊ भेजा जाएगा। इसकी जांच से ओमिक्रोन वायरस से संक्रमित होने की जानकारी मिलेगी। विदेश से आने वाले सभी व्यक्तियों की कोरोना जांच कराई जाएगी। संक्रमित पाए जाने पर संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमित होने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी। शासन ने इसकी जांच के लिए किंग जार्ज मेडिकल कालेज (केजीएमसी) लखनऊ में नामित किया गया है। कोरोना के प्रति जागरूकता एवं बचाव के लिए सभी कार्यालय में फिर से कोरोना हेल्प डेस्क शुरू करने का आदेश दिया गया है।
ओमिक्राेन वायरस को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है। लगातार नए आदेश जारी किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य निदेशालय ने आदेश दिया है कि कोरोना की जांच के लिए अधिक से अधिक लोगों के नमूने लिए जाएं। जांच में संक्रमित पाए जाने वाले वाले सभी व्यक्तियों का नमूना लेकर जीनोम सीक्वेसिंग के लिए केजीएमसी लखनऊ भेजा जाएं। इसकी जांच से ओमिक्रोन वायरस से संक्रमित होने की जानकारी मिलेगी। विदेश से आने वाले सभी व्यक्तियों की कोरोना जांच अनिवार्य है। संक्रमित पाए जाने पर व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। ऐसे व्यक्ति को घर या होटल में रहकर इलाज कराने की अनुमति नहीं होगी। रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर नमूना लेने के लिए टीम लगाने, कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाने को लेकर भी जागरूकता अभियान चलाने, सभी कार्यालय में कोरोना हेल्प डेस्क बनाने के साथ ही ओमिक्रोन से बचाव के लिए अधिक से अधिक लोगों को कोरोना का टीकाकरण करने, जिन्हें पहली डोज लग चुकी है, उन्हें दूसरी डोज लगाने के लिए प्रेरित करने के आदेश दिए गए हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. एमसी गर्ग ने बताया कि कोरोना की जांच कराने वालों की संख्या बढ़ी है। शासन के निर्देश के अनुसार कोरोना संक्रमित व्यक्ति के नमूना लेकर जीनोम सीक्वेसिंग की जांच के लिए केजीएमसी लखनऊ भेजा जाएगा। इसके अलावा टीकाकरण व नमूना लेने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी विभागों को कार्यालय में हेल्प डेस्क खोलने को कहा गया है।
कोरोना का दूसरा टीका लगवाने के लिए पहुंचने लगे लोग : ओमिक्राेन से बचाव के लिए कोरोना का टीका लगाना आवश्यक है, इसकी जानकारी मिलते ही जो पहला टीका लगवा चुके हैं वह भी दूसरा टीका लगवाने पहुंच रहे हैं। जिले भर में गुरुवार को 23 हजार से अधिक टीके लगाए गए। जिले में टीकाकरण के लिए 322 बूथों पर टीका लगाने की व्यवस्था की गई थी। कुछ दिन पहले तक प्रथम टीका लगवाने को लोग पहुंच रहे थे। लेकिन, द्वितीय टीका लगवाने वालों की संख्या काफी कम थी। ओमिक्रोन आने की संभावना के बाद द्वितीय टीका लगवाने वालों की संख्या बढ़ गई है। गुरुवार को जिले में 23,342 लोगों ने टीका लगवाया। इसमें 12,610 दूसरे खुराक के टीके लगवाए, प्रथम खुराक के 10,732 लोगों ने टीके लगवाए।
क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग : हमारी कोशिकाओं के भीतर आनुवंशिक पदार्थ होते हैं। इन्हें डीएनए (डीआक्सीराइबो न्यूलिक एसिड) और आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) कहा जाता है। इन सभी पदार्थों को सामूहिक रूप से जीनोम कहा जाता है। दो जीन के बीच की दूरी और उसके आंतरिक हिस्सों के व्यवहार और दूरी में आएं अंतर को समझने के लिए अपनाई जानी वाली पद्धति को जीनोम मैंपिंग कहा जाता है। इसके जेनेटिक मेटेरियल की स्टडी करके पता लगाया जाएगा कि संक्रमित हुए व्यक्ति में किस तरह के बदलाव हुए हैं और यह पहले वाले वायरस से कितना अलग प्रकार का है।