गर्भासन योग आसन से मजबूत बनेंगे शरीर के जोड़, आएगी स्फूर्ति, ये है करने का तरीका
स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है। अगर आप गर्भासन योग आसन करेंगे तो इससे आपके पूरे शरीर का व्यायाम हो जाएगा। इसके करने से आपकी बांह हाथ के पंजे टांग घुटने टखने पैरों के पंजे कमर पीठ आदि मजबूत बनेंगे।
मुरादाबाद, जेएनएन। स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है। अगर आप गर्भासन योग आसन करेंगे तो इससे आपके पूरे शरीर का व्यायाम हो जाएगा। इसके करने से आपकी बांह, हाथ के पंजे, टांग, घुटने, टखने, पैरों के पंजे, कमर, पीठ आदि मजबूत बनेंगे। नियमित रूप से इसके अभ्यास से यह योग आसन कई अन्य भी लाभ पहुंचाता है।
इस योग आसन के करने से शरीर के जोड़ मजबूत होंगे और लचीले भी होंगे। इससे शरीर में चेतना, स्फूर्ति, उल्लास, बल आदि का इजाफा होगा। इस आसन के करने से पद्मासन के भी सभी लाभ मिलेंगे। ये आसन करने वाले को वात, कफ प्रधान प्रकृति में काफी लाभ मिलेगा। यह योग आसन जोड़ों के दर्द, गठिया में बहुत लाभकारी है। इसका निरंतर अभ्यास करने से शरीर की लचक बढ़ती है। शरीर पुष्ट और सुंदर बनता है। इससे आपके शरीर की इंद्रियों पर नियंत्रण करने में सहायता मिलेगी। योग प्रशिक्षक डॉ. महजबीं परवीन ने बताया कि इस आसन में व्यक्ति के शरीर की मुद्रा गर्भ के शिशु समान होती है। इस वजह से आसन को गर्भासन कहते हैं। जमीन पर कंबल या मैट बिछा लें। इसके बाद बैठ जाएं और दोनों टांगों को आगे की ओर फैला लें। अब पद्मासन की मुद्रा में आ जाएं। इसके बाद कुक्कुटासन की भांति दोनों हाथों को टांगों एवं जांघों के मोड के बीच से निकालें। धीरे-धीरे कोहनियों को अंदर और जांघों को मोड़कर ऊपर करें। जब दोनों कोहनियां बाहर निकल जाएं तो दोनों गालों पर हाथों को रखकर बैठ जाएं। स्वाभाविक रूप से सांस लेते रहें। कुछ समय इसी अवस्था में रुकनेे के बाद पूर्व अवस्था में आकर शरीर को विश्राम कराएं। विश्राम के पश्चात क्रिया दोहराई जा सकती है। आसन करते समय मुंह पूर्व की ओर रखना चाहिए। जब तक अतिरिक्त थकान महसूस न होने लगे। शुरू में ये आसन पांच सेकंड और बाद में दो मिनट तक करना चाहिए।
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