पढ़ने से लेकर सोने और खेलने का टाइम टेबल बनेगा बोर्ड परीक्षा में सफलता का आधार, आइये जानते हैं बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए कैसे तैयारी करें
उत्तर प्रदेश सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड की परीक्षाएं मई में होंगी। छात्र-छात्राओं ने अपनी परीक्षाओं की तैयारी की रणनीति तैयार कर ली है। इस तैयारी को साइंटिफिक तरीके से अपनी दिनचर्या में निर्धारित करें। जिसमें पढ़ाई भरपूर नींद भोजन व्यायाम मनोरंजन भी परीक्षा की तैयारी के बीच जरूरी है।
मुरादाबाद, (तेजप्रकाश सैनी)। उत्तर प्रदेश, सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड की परीक्षाएं मई में होंगी। छात्र-छात्राओं ने अपनी परीक्षाओं की तैयारी की रणनीति तैयार कर ली है। इस तैयारी को साइंटिफिक तरीके से अपनी दिनचर्या में निर्धारित करें। जिसमें पढ़ाई, भरपूर नींद भोजन, व्यायाम, मनोरंजन भी परीक्षा की तैयारी के बीच जरूरी है। परीक्षाएं करीब आते ही मानसिक तनाव से कुछ छात्र-छात्राओं का ग्रस्त होना स्वाभाविक है। इस बार तो खास तौर से छात्र-छात्राओं को कोरोना के कारण स्कूल में शिक्षकों का पूरी तरह मार्गदर्शन नहीं मिला। इसलिए इस बार टिप्स का फालो करने से खुद का आत्मविश्वास बढ़ाना बेहद जरूरी है। थोड़ा सा दिनचर्या में बदलाव करने के साथ पढ़ाई का शेडयूल बनाएंगे तो निश्चित तौर पर अच्छे अंक पाएंगे। कई बार अच्छी तैयारी के बाद भी उम्मीद की मुताबिक अंक नहीं आते हैं। इसलिए गलतियों से बचने के लिए विशेषज्ञों के टिप्स पर ध्यान देना जरूरी है।
परीक्षा के लिए जरूरी टिप्स
-अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यायाम जरूरी।
-घर का बना पौष्टिक भोजन ही लें।
-घर का माहौल हेल्दी रखें।
-संगतपूर्ण ही प्रश्नों के जवाब दें।
-समय का सही प्रयोग करके प्रश्न हल करें।
-प्रश्न पत्र को ठीक से पढ़कर ही हल करें।
-जो सवाल अच्छी तरह आते हैं उनको पहले करें।
-घर पर पढ़ते समय बीच-बीच में कुछ खाए
-समय से पढ़ाई करके भरपूर नींद लें।
-कम अंक वाले प्रश्नों के जवाब में देरी न करें।
-मानसिक तनाव महसूस करने पर मनोचिकित्सक की राय लें।
नोट्स बनाकर करें तैयारी
ऑनलाइन व कक्षा में जितना पढ़ा उसके नोटस बनाकर स्वयं तैयारी करें। समय का पालन सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं अपनी पढ़ाई के लिए भी बनाना जरूरी है। दूसरों से तुलना न करें। छात्र-छात्राओं को अपनी हैंड राइटिंग पर भी ध्यान देना चाहिए। तैयारी अच्छी है लेकिन, हैंड राइटिंग खराब है तो भी अच्छे अंक मिलना मुश्किल होता है। जब प्रश्न पत्र हल हो जाए तो अंत में एक बार जवाबों को चेक कर लें।
पढ़ाई के साथ पौष्टिक आहार जरूरी
मनोचिकित्सक डॉ.नीरज गुप्ता ने बताया कि अभिभावक अपनी इच्छा न थोपकर बच्चे का शेडयूल तैयार कराने में मदद करें। छात्र-छात्राओं के पौष्टिक आहार पर ध्यान दें। समय से ब्रेक फास्ट, लंच और डिनर मिलना चाहिए। इसका शेडयूल खराब होने से स्वास्थ्य पर भी खराब असर पढ़ता है। सुबह नौ बजे तक ब्रेक फास्ट, दोपहर एक बजे तक भोजन व रात का भोजन भी आठ से नौ बजे तक करें। भोजन के साथ फल, दूध, मेवा व हरी पत्तियों की सब्जी लें। बाहर का कुछ भी खाने से बचें। कम से कम छह घंटे की नींद जरूर लें।
अभिभावक न थोपें अपनी इच्छा
मनो विशेषज्ञ डॉ.मीनू मेहरोत्रा ने बताया कि अभिभावकों को अपनी इच्छा नहीं थोपनी चाहिए। बच्चे की अच्छी परफार्मेंस को लेकर अगर हम अपनी इच्छाएं थोपेंगे तो वह तनावग्रस्त हो जाएगा। आउट डोर की एक्टिविटी भी जरूर है। इसमें खेल व व्यायाम कर सकते हैं। भोजन नियमित रूप से समय अनुसार हो। किताबों में उलझने की बजाए स्टेप वाई स्टेप प्वाइंट रिवाइज करें। अगर बच्चा कुछ परेशान है तो उसकी समया को समझने की कोशिश करें और समाधान निकालें। कोई भी नकारात्मक बात छात्रों के सामने न करें।