आसमान से बरसे किसानों की बर्बादी के ओले, अरमानों पर फिरा पानी
आसमान से गुरुवार की रात 13 मिनट ओलो की बारिश ने अन्नदाताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया। ...और पढ़ें

मुरादाबाद, जेएनएन । आसमान से गुरुवार की रात 13 मिनट ओलो की बारिश ने अन्नदाताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया। उधर, शहर में अचानक गिरे ओलों से सड़क पर भगदड़ मच गई। कहीं साइकिल सवार तो कहीं पैदल चलने वाले चुटैल हो गए।
न्यूनतम तापमान में रही गिरावट
सुबह से बारिश की वजह से न्यूनतम तापमान में गिरावट रही। इससे सुबह से ही सर्दी का प्रकोप बना रहा। बादलों का डेरा रहने के चलते आसमान से सूरज नहीं निकल सका। शाम हो गई लेकिन ठंडक बरकरार बनी रही। दिन में रुक-रुक पर पश्चिम क्षेत्र से दस से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। इसके चलते अधिकतम तापमान ढाई डिग्री गिरकर 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं शाम होते-होते मौसम में फिर बदलाव हुआ। शहर और आसपास इलाकों में आठ बजे के बाद बारिश के साथ ही आसमान से 50 से 200 ग्राम तक ओले गिरे। इससे खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई। इससे किसानों की मटर, आलू, सरसों की फसल को खासा नुकसान हुआ। यही नहीं गेहूं में भी उत्पादन कम होगा। मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी निसान अहमद अंसारी ने बताया कि 1.6 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। आगामी 24 घंटे में बारिश होने की संभावना है। लेकिन ओलावृष्टि नहीं होगी।

ओलावृष्टि से सहम गए राहगीर
अचानक ओलावृष्टि से राहगीर सहम गए। तेरह मिनट के लिए राहगीरों के कदम थम गए। सड़क पर जहां भी शेड मिला वहीं लोगों ने आसरा लिया। हाल यह रहा कि जो अपने बच्चों को लेकर निकले थे। वह सही सलामत घर पहुंचने की दुआ करते नजर आए। कार में मौजूद लोगों ने भी गाड़ी को सड़क के किनारे पेड़ के नीचे लगा दिया। सबसे ज्यादा मुसीबत बाइक सवारों, पैदल और साइकिल सवार की रही। ओलावृष्टि के दौरान सड़क पर फंसे कार सवारों ने बताया कि ऐसा लग रहा था कोई पत्थर फेंक रहा हो और शीशा टूटने ही वाला हो।

अचानक गिरने लगे ओले तो उड़ गए होश
सोनू कुमार का कहना है कि डेंटल कॉलेज से पीतल नगरी जा रहा था, अचानक ओले गिरने लगे। गनीमत थी कि सड़क किनारे रुकने की जगह मिल गई। सीमा ने बताया कि बच्चा साथ में था। घर जा रही थी। अचानक ओले गिरने लगे, बुरी तरह घबरा गई। रास्ते में सड़क के किनारे टिन के नीचे रुकी रही, सही सलामत बचने के लिए ईश्वर का लाख लाख धन्यवाद।
गाड़ी छोड़कर भागना पड़ा
विनीत सिंघल ने बताया कि कार से घर जा रहा था, ओले ऐसे गिर रहे थे जैसे कार की विंड स्क्रीन टूट जाएगी। आनन-फानन में गाड़ी छोड़कर सड़क किनारे मार्केट के नीचे खड़ा रहा। मो. आरिफ का कहना है कि ऐसी रात कभी नहीं देखी। इतने बड़े ओले ऐसे गिर रहे थे जैसे कोई पत्थर मार रहा हो। ऐसे में जहां था वहीं रुक गया। स्वाति सिंघल का कहना है कि ऐसे ओले में जीवन में कभी नहीं देखे। ओले गिरते ही सड़क के चारों ओर अफरा-तफरा मच गई। हर कोई अपनी जान बचाता नजर आया।
मनोहरपुर में 200 ग्राम तक के ओले गिरे
ओले गिरने का क्रम रात को 8.59 से शुरू होकर 9.12 बजे तक चलता रहा। 13 मिनट में ओले की बारिश से सड़कों पर सफेद चादर बिछ गई। लोगों ने अपने घरों में बाल्टी रखी तो देखते-देखते ओलों से भर गई। मनोहरपुर में 200 से 250 ग्राम तक ओला पड़ा। कांठ रोड पर सटे गांवों में ओलावृष्टि से खासा नुकसान हुआ। बड़े ओले के डर से लोग अपने खेतों पर भी नहीं जा सके और बर्बादी का आलम देखते रहे।
फसल हो गई बर्बाद
गांव हकीमपुर के किसान आनंद प्रकाश विश्नोई ने बताया कि अभी तक ऐसा ओला कभी नहीं देखा है। 100 ग्राम से 200 ग्राम तक का ओला पड़ा है। इससे मटर की फसल बर्बाद हो गई है। सरसों और गेहूं की फसल को भी नुकसान होगा। शुक्रवार को पता चलेगा कि कितना नुकसान है। बुद्धि विहार के किसान नवीन चौधरी का कहना है कि 25 साल से बुद्धि विहार में रह रहे हैं। अभी तक ऐसा ओला कभी नहीं देखा है। पहली बार इतनी बड़े ओले गिरे हैं। कांठ में पता किया तो बताया कि फसल का काफी नुकसान हुआ है।

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