आर्टिफिशियल रंग से बनाए जा रहे थे देसी अंडे, गोदाम पर छापेमारी में सामने आया चौंकाने वाला खेल
मुरादाबाद में खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक अंडे के गोदाम पर छापा मारा, जहाँ फार्मी अंडों को कृत्रिम रंग से रंगकर देसी अंडे बनाए जा रहे थे। टीम ने लाखों रंगे और बिना रंगे अंडे जब्त किए, जिनकी कीमत लगभग 3.9 लाख रुपये है। गोदाम को सील कर दिया गया है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मुरादाबाद में खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़े फर्जीवाड़े का राजफाश किया है। रामपुर दोराहा बरवाला मझरा स्थित अंडे के गोदाम पर छापा मारा है। जिसमे फार्मी अंडों को कृतिम रंग लगाकर देसी अंडे बनाए जा रहे थे।
कार्रवाई के दौरान टीम ने कुल 4,53,60 रंगे हुए अंडे, 35,640 सफेद अंडे, जिन्हें रंगने के लिए रखा गया था जो सीज कर दिए। इन अंडों का अनुमानित मूल्य लगभग 3,89,772 रुपये बताया गया है। साथ ही गोदाम को भी सील कर दिया। यह कार्रवाई सुबह तीन बजे तक चली।
खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर चल रहे सघन अभियान के तहत सहायक आयुक्त खाद्य राजवंश प्रकाश श्रीवास्तव, खाद्य सुरक्षा अधिकारी केके यादव, प्रजन सिंह टीम के साथ काशीपुर रोड स्थित रामपुर तिराहा के पास बरवाला मजरा में बनाए गए एक बड़े अंडा गोदाम पर पहुंच गए। कार्रवाई में पुलिस भी शामिल थी।
छापे के दौरान टीम ने पाया कि गोदाम में बड़ी मात्रा में सफेद अंडों को कृत्रिम रंग (आर्टिफिशियल कलर) से रंगकर उन्हें देसी अंडों जैसा रूप दिया जा रहा था। जांच में यह भी सामने आया कि रंगाई की प्रक्रिया गोदाम के अंदर ही खुले में की जा रही थी।
इसके लिए खाद्य गुणवत्ता मानकों का कोई पालन नहीं किया जा रहा था। अधिकारीयों ने मौके पर रंगे हुए अंडे, रंगाई में उपयोग होने वाला रंग और सफेद अंडों के ढेर बरामद किए, जो रंगे जाने के लिए तैयार रखे गए थे। मौके से मिले रासायनिक पदार्थों को भी जब्त कर लिया।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी टीम के अनुसार, आर्टिफिशियल रंग से अंडों की सतह को देसी अंडों जैसा रंग देने का यह तरीका पूरी तरह अवैध है और इससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं।
ऐसे रासायनिक रंग खाद्य पदार्थों में प्रयोग की अनुमति नहीं रखते और शरीर में जाने पर संक्रमण, एलर्जी, पेट संबंधी समस्याओं सहित कई जोखिम पैदा कर सकते हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग ने कटघर थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
किन दुकानों पर बिके अंडे
जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि इस गोदाम से रंगे हुए अंडे किन दुकानों में सप्लाई किए जा रहे थे, ताकि पूरी सप्लाई चैन को चिन्हित किया जा सके। विभाग के अनुसार, देसी अंडे सफेद अंडों की तुलना में महंगे बिकते हैं। इस कारण कुछ कारोबारी मुनाफे के लालच में आर्टिफिशियल रंग लगाकर उपभोक्ताओं को धोखा देते हैं।
सर्दियों के मौसम में बाजार में नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री बढ़ जाती है, इसलिए विभाग लगातार निगरानी बढ़ा रहा है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण अभियान चलाए जा रहे हैं। उपभोक्ता यदि किसी भी प्रकार की मिलावट या संदिग्ध सामग्री देखते हैं तो तुरंत खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचना दें, ताकि कार्रवाई की जा सके।
-राजवंश प्रकाश श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त खाद्य

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