Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bijli Vibhag : बिजली कनेक्शन देने के नाम पर आवेदकों से वसूली, इस तरह वसूले जाते हैं पैसे

    क्षेत्र के काफी उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने कनेक्शन के लिए आवेदन किया और कर्मी ने उनसे पांच हजार से लेकर 15 हजार रुपये की वसूली की। साथ ही इस रकम की कोई रसीद भी उन्हें नहीं दी गई। बिजली का नया कनेक्शन लेने की व्यवस्था पूर्णत आनलाइन है। जनसेवा केंद्र के माध्यम से विभागीय वेबसाइट पर आवेदन करना होता है।

    By Mohd Hasan Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sat, 04 May 2024 09:59 PM (IST)
    Hero Image
    Bijli Vibhag : बिजली कनेक्शन देने के नाम आवेदकों से वसूली

    संसू, डिलारी: क्षेत्र में बिजली विभाग की मनमानी चरम पर है। यहां बिना मीटर लगाए तो उपभोक्ताओं से मनमाना चार्ज वसूला ही जाता है, नए कनेक्शन के आवेदकों से भी सत्यापन के नाम पर विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से उगाही हो रही है। अधिशासी अभियंता आशीष कुमार ने कहा कि 40 मीटर से ऊपर का कनेक्शन नहीं दिया जाता है। दूरी नापकार ही कनेक्शन दिया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रिपोर्ट लगाने का कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है, यदि कोई कर्मचारी रुपये की मांग करता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। नियम है कि आवेदक का घर अगर बिजली के खंभे से 40 मीटर की दूरी पर है तो उसे कोई चार्ज नहीं देना होगा, लेकिन दूरी चाहे जितनी हो बिना जेब गर्म किए सत्यापन कराना मुश्किल है।

    क्षेत्र के काफी उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने कनेक्शन के लिए आवेदन किया और कर्मी ने उनसे पांच हजार से लेकर 15 हजार रुपये की वसूली की। साथ ही इस रकम की कोई रसीद भी उन्हें नहीं दी गई। बिजली का नया कनेक्शन लेने की व्यवस्था पूर्णत: आनलाइन है। जनसेवा केंद्र के माध्यम से विभागीय वेबसाइट पर आवेदन करना होता है। फिर यह आवेदन विभागीय पोर्टल पर आता है।

    इसके बाद औपचारिकता पूरी करवाकर जेई को रिपोर्ट लगानी होती है। इसी औपचारिकता को पूरी कराने व रिपोर्ट लगाने के नाम पर आवेदकों का शोषण हो रहा है। जहांगीरपुर बिजली घर पर तैनात कर्मी आवेदक से संपर्क साधता है और रिपोर्ट लगवाने के नाम पर घर और खंभे की दूरी का हवाला देकर पांच से 15 हजार रुपये के बीच लेन-देन तय कराता है। अगर किसी ने रकम देने में आनाकानी की तो रिपोर्ट में औपचारिकता पूरी न होने का जिक्र कर आवेदन निरस्त करने की संस्तुति कर दी जाती है। इसके बाद आवेदक को दोबारा इसी प्रक्रिया को अपनाना पड़ता है।