UP Board Results : नंबर जिंदगी नहीं, परिणाम पर मनाएं जश्न
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का आज रिजल्ट जारी हो रहा है। ऐसे समय में विद्यार्थियों पर बेहतर नंबर लाने का मन में दबाव रहता है।
मुरादाबाद, जेएनएन। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का आज रिजल्ट जारी हो रहा है। ऐसे समय में विद्यार्थियों पर बेहतर नंबर लाने का मन में दबाव रहता है। कम नंबर पर विद्यार्थी पहले से ही दवाब में रहते हैं। इस घड़ी में विद्यार्थियों को अभिभावकों के संवेदनात्मक सहयोग की जरूरत होती है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि नंबर जिंदगी नहीं है, रिजल्ट पर जश्न मनाएं, बच्चों का हौसला बढ़ाएं।
हिंदू कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर मनोवैज्ञानिक डॉ. मीनू मेहरोत्रा ने बताया कि ज्यादातर अभिभावक परिणाम का विश्लेषण करते है। विद्यार्थियों को पहले से ही अच्छे परिणाम की उम्मीद होती है। उम्मीद से कम नंबर आने पर विद्यार्थियों पर स्वत: ही दबाव बढ़ जाता है। ऐसे में इस समय बच्चों को सहयोग की जरूरत होती है, जिसमें अभिभावकों की भूमिका सबसे अहम होती है। उम्मीद से कम नंबर आने और असफल होने पर बच्चों को उलाहना न दें। इससे बच्चों का मनोबल टूटता है। जिसका प्रभाव आने वाली परीक्षाओं पर पड़ता है। कम नंबर आने और असफल होने की दशा में भी बच्चों को और बेहतर करने के लिए प्रेरित करें, जिससे आने वाली परीक्षाओं में वह बेहतर कर सकें।
अंक सफलता का आधार नहीं
अंक व्यक्ति के जीवन की सफलता और असफलता का आधार नहीं है। अंक परीक्षा में बच्चों की तैयारी को दर्शाता है। कई बार अच्छी तैयारी के बाद भी नंबर अच्छे नहीं आते। ऐसे में बच्चों पर अभिभावक किसी प्रकार का दवाब न बनाएं, उन्हें अकेला न छोड़े। किसी दूसरे बच्चें से तुलना न करें। बेहतर संवाद स्थापित करें।
- डॉ. सुनील चौधरी, एसोसिएट प्रोफेसर, मनोविज्ञान, केजीके कॉलेज
रिजल्ट खराब! बच्चों को डांटे नहीं प्यार से समझाएं
सम्भल : यूपी बोर्क के हाईस्कूल और इंटर का रिजल्ट आज यानि की शनिवार को आने वाला है। रिजल्ट आने की जानकारी मिलने के साथ ही छात्र-छात्राओं की धुकधुकी भी बढ़ गई है। केवल पास होना और अच्छे नंबरों से पास होने वाली इन दो कैटागिरी में शामिल बच्चे पूजा-अर्चना करने तक में नहीं चूक रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने बच्चों का ख्याल रखें। अगर बच्चा फेल हो जाता है तो उसे डांटे नहीं। कहीं अभिभावकों की डांट से बच्चे ऐसा कदम न उठा लें कि उनको ताउम्र पछताना न पड़ें। लिहाजा अगर बच्चों का रिजल्ट खराब होता है तो उनको डांटने की बजाए प्यार से समझाकर दुबारा मेहनत करने के लिए जागरुक करें।
हर साल हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट आने के बाद कोई खुशी से झूम उठता है तो कोई गम के आगोश में चला जाता है। ऐसे परीक्षाथियों के सामने सबसे अधिक परेशानी अपने अभिभावकों का सामना करने पर होती है। फेल या फिर कम नंबर आने पर अभिभावक पूरे साल पढ़ाई में खर्च का हवाला देकर उनको डांट देते हैं। उनकी यह डांट बच्चों के मन में एक खौफ बन जाती है जिस कारण हर साल फेल होने पर तमाम बच्चे आत्महत्या तक कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में अभिभावकों को समझना चाहिए कि ङ्क्षजदगी के उतार-चढ़ाव में ऐसी तमाम परीक्षाएं आएंगी, जिनमे उनके नौनिहाल पास भी होंगे और फेल। शनिवार को फिर हाईस्कूल व इंटर का यूपी बोर्ड का रिजल्ट आने वाला है। जिससे तय है कि तमाम बच्चों का रिजल्ट अपेक्षा के अनुसार नहीं आ पाएगा। ऐसे में अभिभावक अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए उनको डांटने की बजाए समझाने का प्रयास करें। शायद उनकी डांट बच्चों को जानलेवा कदम उठाने के लिए मजबूर कर दें। पर उनका प्यार से समझाने का तरीका बच्चों को दुगुनी मेहनत के साथ परीक्षा में सफल होने सहायक हो सकता है।
रखना चाहिए संयम
रिजल्ट खराब होने पर बच्चों को डांटे नहीं, बल्कि प्यार से समझाएं। हो सकता है कि कहीं पर बच्चों से चूक हो गई हो, अगर अभिभावक प्यार से समझाएंगे तो वह जल्दी सुधार कर लेंगे। बच्चों को समझाएं की जीवन में ऐसी तमाम परीक्षाएं होती हैं, जिनमे सफलता और असफलता मिलती है। असफलता से सीख लेकर दुबारा नए जोश के साथ उस परीक्षा का सामना करें।
डॉ. प्रशांत वाष्र्णेय,सम्भल
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