जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव : सपा ने घाेषित किया प्रत्याशी ताे भाजपाइयाें में बढ़ी हलचल, टिकट के लिए लखनऊ में दे रहे दस्तक
जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जिले में सपा और भाजपा के बीच मुकाबला होगा यह लगभग तय हो गया है जिससे थर्ड फ्रंट की उम्मीदें में भी टूटी नजर आ रही हैं। सपा की ओर से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रीति यादव का टिकट फाइन
मुरादाबाद, जेएनएन। बहजोई जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जिले में सपा और भाजपा के बीच मुकाबला होगा, यह लगभग तय हो गया है, जिससे थर्ड फ्रंट की उम्मीदें में भी टूटी नजर आ रही हैं। सपा की ओर से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रीति यादव का टिकट फाइनल हो गया है। उस से मुकाबले के लिए मैदान में उतरने वाली भाजपा अभी भी बेचैन है। जिला पंचायत अध्यक्ष के टिकट को लेकर दो दिन पूर्व अनामिका यादव का नाम वेशक सुर्खियों में आया हो लेकिन प्रदेश नेतृत्व से अधिकृत सूची जारी होने से पहले ही अंदरूनी कलह की स्थिति उभर कर आ रही है।
जिसमें एक जनप्रतिनिधि के द्वारा कई जिला पंचायत सदस्यों को साथ लेकर लखनऊ में पार्टी के दिग्गजों की द्वार पर दस्तक दी गई है। जिसके बाद संगठन के कई पदाधिकारियों के बीच गुन्नौर की अर्चना यादव और सुरभि यादव के साथ-साथ कौशल्या देवी के नाम पर भी एक बार फिर से विचार होने लगा है और इसकी रिपोर्ट स्थानीय स्तर से मांगी जा रही है।
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा से जितने भी सदस्य टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हुए हैं न कि पार्टी को एकजुट बनाकर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करने में। जिसके चलते भाजपा के समर्थित प्रत्याशी के रूप में निर्वाचित होने वाले सदस्य भी अलग-अलग गुटों में बैठे हुए हैं और जिन निर्दलीय सदस्यों की आवश्यकता है, उनको भी संभाल पाने की स्थिति फिलहाल सकारात्मक नहीं है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले दो से तीन दिन में हालात ठीक हो जाएंगे और पार्टी जिस सदस्य को प्रत्याशी के रूप में घोषित करेगी, सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता उसकी जीत सुनिश्चित करने के लिए एक मंच पर एलान कर मेहनत करते हुए सेमीफाइनल की जीत का संदेश देंगे।
विधानसभा चुनावों को लेकर अपना पक्ष मजबूत करने में जुटे दिग्गज
बहजोई:
विदित रहे कि सूबे में आठ माह पश्चात होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में विपक्षी दल सपा से दो-दो हाथ करने के लिए मैदान में उतरी भाजपा बेशक जिला पंचायत सदस्यों के निर्वाचन में बराबर के स्तर पर खड़ी हो लेकिन आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों की बड़े भाजपाई बुराई से बचने के लिए अंदर खाने अलग-अलग खेमे बनाने में जुटे हैं, जिससे निकट भविष्य में होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए वे निर्वाचित सदस्यों को अपने खेमे में समझते हुए विधानसभा चुनाव के समीकरणों को मजबूत बना सकें। विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार अपने अपने क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्यों कि नाराजगी लेना ठीक नहीं समझ रहे हैं। ऐसे में वे क्षेत्र के हिसाब से गुटबाजी की भूमिका निभा रहे हैं।
जातीय तिलिस्म की राजनीति में फंसी भाजपा
बहजोई: जिले में भारतीय जनता पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर बेशक मजबूती के साथ दावेदारी कर रही हो लेकिन उनके अलग-अलग वार्डों से निर्वाचित वाले पंचायत सदस्य वर्तमान में पार्टी के ही अलग-अलग खेमे में बटे नजर आ रहे हैं। जिसमें दिलचस्प बात यह है कि कुछ सदस्य यादव प्रत्याशी का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ गैर यादव प्रत्याशी की तलाश कर रहे हैं लिहाजा जातिगत समीकरणों के आधार पर पार्टी के अंदर ऐसे हालात बन रहे हैं कि जिले का कोई भी दिक्कत पार्टी के नेताओं को एक मंच पर लाने की भी कवायद नहीं कर रहा है। क्योंकि आठ महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं और हर कोई एक दूसरे को नाराज करने से बच रहा है जिसमें कई दिक्कत विधानसभा के टिकट की दावेदारी के चलते भी असहज दिख रहे हैं।