UPSC की तैयारी करना हुआ आसान, यूपी की 883 ग्राम पंचायतों में 33.54 करोड़ की लागत से बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी
मुरादाबाद मंडल की 883 ग्राम पंचायतों में 'बाल एवं किशोर डिजिटल पुस्तकालय' स्थापित करने की मंजूरी मिली है, जिसके लिए 33.54 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। प्रत्येक पंचायत में डिजिटल रीडिंग सेंटर बनेंगे, जहाँ कंप्यूटर, ई-बुक्स और इंटरनेट उपलब्ध होंगे। इसका उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करना है, जिससे वे तकनीकी और शैक्षिक ज्ञान प्राप्त कर सकें। पुस्तकालयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें भी उपलब्ध होंगी।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मंडल के गांव अब डिजिटल किताबों की रोशनी से जगमगाने जा रहे हैं। पंचायती राज निदेशालय ने मंडल की 883 ग्राम पंचायतों में ‘बाल एवं किशोर डिजिटल पुस्तकालय’ की स्थापना को स्वीकृति देकर धनराशि आवंटित कर दी है। इस योजना के तहत प्रदेशभर में चार अरब 31 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से 11,350 ग्रामीण डिजिटल लाइब्रेरियां बनाई जाएंगी।
मुरादाबाद मंडल के हिस्से में 33.54 करोड़ रुपये का बजट आया है। शासन ने सभी जिलों को धनराशि आवंटित कर 30 दिनों के भीतर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। योजना का उद्देश्य गांव के बच्चों को शहरों जैसी ई-लर्निंग और ज्ञान संसाधनों की सुविधा उपलब्ध कराना है।
प्रदेश सरकार अब गांवों में बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल शिक्षा का नया अध्याय शुरू करने जा रही है। बाल एवं किशोर डिजिटल पुस्तकालय योजना के तहत प्रत्येक चयनित ग्राम पंचायत में आधुनिक डिजिटल रीडिंग सेंटर बनाए जाएंगे, जहां टैबलेट, कंप्यूटर, ई-बुक्स और इंटरनेट आधारित शिक्षण सामग्री उपलब्ध होगी।
इन पुस्तकालयों में बच्चों के साथ-साथ किशोरों को भी तकनीकी, शैक्षिक और रचनात्मक पुस्तकों तक निश्शुल्क पहुंच रहेगी। योजना की निगरानी ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम प्रधान और बीडीओ स्तर पर की जाएगी। मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, संभल और रामपुर जिलों में कुल 883 ग्राम पंचायतों को इस योजना में शामिल किया गया है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह पहल ग्रामीण बच्चों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने, स्कूल ड्रापआउट दर घटाने और ग्रामीण युवाओं में ज्ञान संस्कृति को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस परियोजना का संचालन स्थानीय पंचायत भवनों से होगा। डिजिटल पुस्तकालय योजना मुरादाबाद मंडल के गांवों को “डिजिटल शिक्षा की मुख्यधारा” में शामिल करने की दिशा में मील का पत्थर है। यह न केवल बच्चों के लिए पढ़ने का माहौल बनाएगी, बल्कि पंचायत भवनों को ‘लोक शिक्षा केंद्र’ का नया रूप भी देगी।
मंडल में जिलावार धन आवंटन की स्थिति
जिला चयनित ग्राम पंचायतें आवंटित धनराशि
मुरादाबाद 132 5.02 करोड़
रामपुर 277 10.52 करोड़
अमरोहा 103 3.91 करोड़
संबल 103 3.91 करोड़
बिजनौर 268 10.18 करोड़
इस तरह मंडल में कुल 883 ग्राम पंचायतें चयनित हुई हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 3.80 लाख की धनराशि आवंटित की गई है। कुल मिलाकर मुरादाबाद मंडल के लिए 33.54 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है, जो जीरो बैलेंस सब्सिडी अकाउंट के माध्यम से जिलों के खातों में भेजी जा चुकी है।
बच्चों का भविष्य संवारेंगे ई-पुस्कालय
हर ग्राम पंचायत भवन में बनने वाले इस डिजिटल पुस्तकालय में बच्चों और किशोरों के लिए शिक्षा व मनोरंजन दोनों की सुविधाएं होंगी।
स्मार्ट एलईडी टीवी और डेस्कटाप कंप्यूटर
हाई-स्पीड इंटरनेट व नेटवर्क कैमरा सिस्टम
बुकशेल्फ, मेज-कुर्सी और फर्नीचर सेट
एनबीटी (नेशनल बुक ट्रस्ट) और अन्य प्रकाशकों से किताबें
डिजिटल लर्निंग पोर्टल और वीडियो कंटेंट, जिसे राज्य सर्वर से जोड़ा जाएगा
हर पुस्तकालय में लगभग 1.30 लाख आइटी उपकरणों, 70 हजार फर्नीचर और 1.80 लाख पुस्तकों व डिजिटल सामग्री पर खर्च होंगे।
30 दिन में पूरा होगा काम
उप निदेशक पंचायती राज अभय कुमार यादव ने बताया कि सभी जिलों को 30 दिनों के भीतर पुस्तकालय निर्माण कार्य पूरा करना होगा।
जिला पंचायत राज अधिकारी को मेकर और मुख्य विकास अधिकारी को चेकर के रूप में एसएनए माड्यूल में जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डिजिटल पुस्तकालय (बाल एवं किशोर पुस्तकालय) - वित्तीय वर्ष 2024-25 पुस्तकालय के बाहर लिखना होगा।
यूपीएससी की तैयारी तक की किताबें होंगी शामिल
मुरादाबाद जिले के गांवों में अब ज्ञान की किरणें सिर्फ स्कूलों तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि हर पंचायत में डिजिटल पुस्तकालय (ई-लाइब्रेरी) के रूप में फैलेंगी। जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक शर्मा ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए “अभिरुचि की अभिव्यक्ति” (ईओआइ) जारी की है, जिसके तहत चयनित गांवों में बाल एवं किशोर पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे।
अब तक किताबें शहरों की सीमाओं में सिमटी थीं, पर अब ग्रामीण बच्चे, महिलाएं और युवा भी लैपटॉप या टैबलेट स्क्रीन पर अपनी पसंद की किताबें पढ़ सकेंगे। जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक शर्मा ने बताया कि इस योजना में स्थानीय भाषा और संस्कृति को केंद्र में रखा गया है, ताकि हर गांव का बच्चा अपने इलाके के इतिहास, साहित्य और वीरों के बारे में पढ़ सके। इस पहल के तहत प्रतिशत किताबें सरकार द्वारा तय होंगी, जबकि बाकी आधी किताबें स्थानीय प्रकाशकों और लेखकों से ली जाएंगी।
स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों और बलिदानियों की जीवनी, क्षेत्रीय कवियों और लेखकों की रचनाएं, बाल साहित्य और महिलाओं से जुड़ी ज्ञानवर्धक पुस्तकें और यूपीएससी, यूपीपीसीएस, पुलिस भर्ती, शिक्षक भर्ती और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी वाली किताबें भी पुस्तकालय में रहेगी। इसका मकसद है कि गांव के बच्चे को कोचिंग सेंटर तक जाने की जरूरत न पड़े, बल्कि वही गांव उसका ज्ञान केंद्र बन जाए।
सात दिन में भेजनी होगी पुस्तकों की सूची
जेम पोर्टल पर पंजीकृत सभी प्रकाशक व आपूर्तिकर्ता अपनी पुस्तकों की सूची, लेखक, मूल्य और आइएसबीएन सहित विवरण सात दिनों के भीतर भेज सकते हैं। सूची ईमेल dpromo-up@nic.in पर या जिला पंचायत राज अधिकारी, विकास भवन कांठ रोड, मुरादाबाद में व्यक्तिगत रूप से जमा की जा सकती है। समय सीमा खत्म होने के बाद प्राप्त प्रस्तावों को चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा।

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