Cyber Crime : पूरी पड़ताल के बाद ही करें ई-चालान का भुगतान, नहीं तो बैंक अकाउंट हो जाएगा खाली
Cyber Crime News शासन द्वारा लोगों की सुविधा के लिए वाहनों के चालान का ई-भुगतान करने की सुविधा शुरू की है। परंतु साइबर ठग इसका भी दुरुपयोग कर रहे हैं। लोगों के मोबाइल पर वाहन का चालान होने का टेक्स्ट मैसेज भेज रहे हैं।

अमरोहा, (आसिफ अली)। Cyber Crime News : शासन द्वारा लोगों की सुविधा के लिए वाहनों के चालान का ई-भुगतान (E-Payment) करने की सुविधा शुरू की है। परंतु साइबर ठग (Cyber Thug) इसका भी दुरुपयोग कर रहे हैं। लोगों के मोबाइल पर वाहन का चालान (E-Chalan) होने का टेक्स्ट मैसेज भेज रहे हैं।
साथ ही उस मैसेज में बिल्कुल पुलिस व परिवहन विभाग (Transport Department) द्वारा भेजे जाने वाले मैसेज की तरह लिंक दिया होता है। जिस पर क्लिक कर व्यक्ति चालन का भुगतान कर सकता है। परंतु साइबर ठग (Cyber Thug) द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही वह मोबाइल को हैक (Hack) कर लेते हैं।
उसके बाद मोबाइल के सहारे बैंक खाते में सेंध लगा रहे हैं। साइबर सेल (Cyber Cell) के पास ऐसे पांच मामले आए हैं। जिनकी जांच की जा रही है। साइबर क्राइम (Cyber Crime) किस तेजी के साथ बढ़ रहा है इसकी बानगी लगभग हर दिन सामने आने वाले धोखाधड़ी के मामले हैं। अब साइबर ठगों ने लोगों से पैसे ठगने का नया तरीका निकाला है।
ई-चलान के फर्जी मैसेज के माध्यम से वह ठगी करने लगे हैं। दरअसल पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा अब वाहनों का ई-चालान किया जा रहा है। चालान का मैसेज संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर भेज दिया जाता है। जिसके माध्यम से वह घर बैठे ही आनलाइन भुगतान भी कर सकता है।
लिहाजा साइबर ठग लोगों के मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज भेज रहे हैं। जिसमें एक लिंक दिया है। लिंक पर क्लिक कर यदि घर बैठे भुगतान करेंगे तो चालान की जुर्माना राशि साइबर ठगों के खाते में चली जाएगी। क्योंकि वह लिंक उनके बैंक खाते से जुड़ा होता है। अमरोहा में सामने आए पांच मामलों में साइबर ठगों ने 57 हजार रुपये खाते से उड़ा लिए।
पढ़ें कैसे ठगे गए लोग
- अमरोहा के मुहल्ला कुरैशी निवासी काशिफ कार स्वामी हैं। उनके मोबाइल पर 13 फरवरी को दिल्ली में कार का चालान होने का मैसेज आया। कार उनका भाई भी चलाता है। जिसकी जुर्माना फीस 10 हजार रुपये थी। उन्होंने लिंक पर क्लिक पर भुगतान कर दिया। उनके खाते से पैसे कट गए। बाद में भाई से बात की तो कार का कोई चालान ही नहीं हुआ था।
- सैदनगली निवासी जीशान के मोबाइल पर भी 15 मार्च को मुरादाबाद में कार का चालान होने का मैसेज मिला। जिसकी जुर्माना राशि पांच हजार रुपये थे। इत्तेफाक से जीशान का मार्च में मुरादाबाद आना-जाना रहा था। लिहाजा उन्होंने भी घर बैठे ही लिंक पर क्लिक कर भुगतान कर दिया। उसके बाद उनके मोबाइल पर भुगतान संबंधी रेफरेंस मैसेज नहीं आया। तब जाकर उन्हें ठगी का अहसास हुआ।
- नौगावां सादात के मुहल्ला नई बस्ती निवासी सरफराज हुसैन के मोबाइल पर बीती 25 मई को दिल्ली में बाइक का ई-चालान होने का मैसेज मिला। उनसे जुर्माना राशि के तौर पर दो हजार रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था। उन्होंने भी लिंक पर क्लिक पर दो हजार रुपये का भुगतान कर दिया। परंतु उनकी बाइक दिल्ली गई ही नहीं थी। मैसेज मिलने के बाद घबराहट में उन्होंने भुगतान किया था।
- अमरोहा के मुहल्ला कैलसा बाइपास निवासी संतोष कुमार टाटा मैक्स के स्वामी हैं। 17 जून को भी उन्हें मोबाइल पर बरेली में टाटा मैक्स का चालान होने का मैसेज मिला था। उन्होंने 20 जून को स्थानीय साइबर कैफे पर जाकर दिए गए लिंक पर 15 हजार रुपये का भुगतान करा दिया।
- गजरौला के मुहल्ला बस्ती निवासी कुलवंत सिंह ट्रक स्वामी हैं। 26 जून को उनके ट्रक का चालान झारखंड में होने का मैसेज मोबाइल पर आया था। साइबर ठगों द्वारा भेजे गए इस मैसेज में जुर्माना राशि 25 हजार रुपये थे। चूंकि उनका ट्रक बाहर ही था, कोई दिक्कत न आए, लिहाजा उन्होंने हाथोंहाथ चालान का भुगतान कर दिया। जबकि चालक ने कोई चालान न होने की जानकारी दी थी।
ऐनी डेस्क भी इंस्टाल करा लेते साइबर ठग
ई-चालान के माध्यम से साइबर ठग मोबाइल पर ऐनी डेस्क एप भी इंस्टाल करा लेते हैं। दरअसल भेजे गए मैसेज में दिए लिंक पर क्लिक करने से कई बार संबंधित के मोबाइल पर यह एप खुद ही इंस्टाल हो जाती है। उसी नंबर पर ओटीपी आता है तथा एप खुद उसे स्वीकार लेता है। जिसके माध्यम से साइबर ठग फिर मोबाइल को हैक कर खाते में भी सेंध लगा करते हैं। इससे सावधान रहने की जरुरत है।
मैसेज मिलने पर पहले करें पड़ताल
वाहन का ई-चालान होने के बाद मिलने वाले मैसेज के बारे में पहले संबंधित विभाग से जांच करा लें। उसके बाद ही भुगतान करें। पुलिस द्वारा किए जाने वाले ई-चालान का भुगतान सीओ यातायात कार्यालय व परिवहन विभाग द्वारा किए गए चालान का भुगतान परिवहन विभाग के कार्यालय में होता है। वहां मैसेज में दिए गए रेफरेंस नंबर से इसकी पड़ताल हो जाती है। उसके बाद ही भुगतान करें। यदि आनलाइन भुगतान के बाद मोबाइल पर रेफरेंस मैसेज भेजा जाता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
अमरोहा साइबर सेल प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि साइबर ठग नए तरीके से लोगों के पैसे ठगने का काम कर रहे हैं। वह परिवहन विभाग की वेबसाइट से वाहन नंबर के आधार पर स्वामी का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर ले लेते हैं। ई-चालान का मैसेज मिलने पर पहले संबंधित विभाग से उसकी पड़ताल करने के बाद ही भुगतान करें। साइबर सेल में शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। परंतु लोगों को भी इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।