यूपी की एक ऐसी कालोनी जहां आज तक नहीं पहुंची पानी की पाइपलाइन, पढ़ें कहां है ये कालोनी
Moradabad Water Crisis सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला वार्ड चार है। इसमें मतदाता 12 हजार हैं। पांच साल में 30 करोड़ रुपये के विकास कार्य वार्ड में पांच साल में होने के बाद भी लोग समस्याओं से जूझ रहे हैं। चौहानों की मिलक में 1000 की आबादी है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Water Crisis : सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला वार्ड चार है। इसमें मतदाता 12 हजार हैं। पांच साल में 30 करोड़ रुपये के विकास कार्य इस पिछड़े हुए वार्ड में पांच साल में होने के बाद भी लोग समस्याओं से जूझ रहे हैं। चौहानों की मिलक में 1000 की आबादी है। 100 साल पुराने इस गांव में अभी तक पानी की आपूर्ति नहीं है। लोग घरों में लगे हैंडपंप पर निर्भर हैं। लेकिन, यह औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण इनसे निकलने वाला रसायनिक पदार्थ धरातल में रिस रहा है। जिससे क्षेत्र में पीला पानी पीने को मजबूर हैं।
दूसरी ओर इसी वार्ड के नया मझरा की कई गलियों से गुजरना खतरे से खाली नहीं है। सड़क में नालियों का पानी बहने से लोगों ने ईंट रखी हुई हैं। जिसमें बाइक सवार गुजरते समय गिर रहे हैं। गागन तिराहा से लाकड़ी को जाने वाले बाइपास का नाला भी जर्जर है। यह नाला पीडब्ल्यूडी को बनाना है। हाल ही में पीडब्ल्यूडी ने बिना नाला बनाए सड़क बनाना शुरू कर दी। लेकिन, बिना नाला बने सड़क बनाने से कोई फायदा नहीं होगा, सड़क भी टूट जाएगी। जिससे पार्षद प्रतिनिधि कपिल कुमार ने पहले नाला निर्माण को कहकर काम रुकवा दिया।
पैपटपुरा में न बिजली, पानी और न सड़कः पैपटपुरा पूरी तरह अवैध कालोनी है। एमडीए से बिना नक्शा पास हुए यहां आवास बन गए। राजनीतिक रसूख रखने वालों ने प्लाटिंग की तो लोगों ने सस्ते में खरीद तो लिए लेकिन, यह न तो बिजली, पानी और न ही सड़क है। इस गर्मी में शहर के इस गांव में पंखा झालकर लोग रहने को मजबूर हैं। इसमें गरीब और मध्यम परिवार ही रह रहे हैं। एमडीए ने इस ओर ध्यान दिया होता तो अवैध कालोनी नहीं बसती।
वार्ड चार के पार्षद प्रतिनिधि कपिल कुमार ने बताया कि चौहानों वाली मिलक में पानी की पाइप लाइन डालने को कई बार जलकल विभाग में पत्राचार कर चुके हैं। लेकिन, जलकल विभाग पहले से जहां पाइप लाइन डाल चुका है, वहां दोबारा टेंडर निकालकर कागजों में पाइप लाइन डालने का काम दिखा दिया और जहां जरूरत है वहां पाइप लाइन नहीं डाली जा रही। नया मझरा में 9.50 लाख रुपये की लागत से दो गलियों का निर्माण शीघ्र शुरू हो जाएगा।
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