Rampur Loksabha By-election Result 2022: कभी आजम के लिए बांसुरी बजाते थे घनश्याम, आज उन्हीं के गढ़ में दी सपा को करारी शिकस्त
Rampur Loksabha By election Result 2022 यह चुनाव आजम की प्रतिष्ठा से जुड़ा था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खां को ही प्रत्याशी चुनने और चुनाव लड़वाने की जिम्मेदारी दी थी जिसमें आजम खां मात खा गए।
रामपुर, जागरण संवाददाता। रामपुर में आजम खां का तिलिस्म तोड़ते हुए एक बार फिर भाजपा ने जीत दर्ज की। रामपुर लोकसभा सीट पर भाजपा की यह चौथी जीत है। इससे पहले तीन बार रामपुर में भगवा लहरा चुका है। इस बार भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने आजम खां के करीबी सपा प्रत्याशी आसिम रजा को शिकस्त दी। घनश्याम ने 40 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। घनश्याम लोधी को 367397 तो वहीं सपा के आसिम राजा को 325205 वोट मिले। भाजपा ने दो बार के एमएलसी घनश्याम लोधी को अपना प्रत्याशी बनाकर बड़ा दांव चला था क्योंकि घनश्याम एक समय समाजवादी पार्टी में ही थी और आजम खां के बेहद करीबी थे। हालांकि, अब घनश्याम लोधी ने जीत दर्ज कर आजम खां को उन्हीं के गढ़ में करारी शिकस्त दी है, क्योंकि यह चुनाव आजम की प्रतिष्ठा से जुड़ा था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खां को ही प्रत्याशी चुनने और चुनाव लड़वाने की जिम्मेदारी दी थी, जिसमें आजम खां मात खा गए।
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घनश्याम लोधी कभी आजम खां के लिए बांसुरी बजाया करते थे। आजम से उनकी नजदीकी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक बार वह ग्राम प्रधान पद का चुनाव हार गए थे तो आजम खां ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए उन्हें विधान परिषद का टिकट दिला दिया। इसके बाद वह चुनाव में जीत दर्ज कर एमएलसी बन गए। घनश्याम लोधी को सबसे पहले कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांतिकारी पार्टी से मैदान में एमएलसी प्रत्याशी के रूप में उतरे थे। उस समय राक्रांपा का सपा से गठबंधन था तो आजम ने उनके जीतने में पूरी मदद की थी। उसके बाद 2016 में लोधी को आजम ने सपा से टिकट दिलाया था। उनका कार्यकाल इसी साल मार्च में समाप्त हुआ था। अब वह सांसद बन गए हैं।
कार्यकाल खत्म होने से पहले यानी विधानसभा चुनाव के दौरान घनश्याम ने भाजपा का दामन थाम लिया था। उस समय ऐसा लग रहा था कि पार्टी उन्हें एमएलसी बनाएगी लेकिन, ऐसा नहीं हुआ था। उनकी जगह बरेली के महाराज सिंह को टिकट दिया गया था। हालांकि, एमएलसी की जगह पार्टी ने उन्हें सांसदी का टिकट दिया और उन्होंने पार्टी के विश्वास पर खरा उतरते हुए जीत दर्ज की।
घनश्याम की यह जीत कई मायने में बहुत अहम है। क्योंकि रामपुर आजम खां का गढ़ कहा जाता है और यह चुनाव आजम खां की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ था। इस चुनाव में घनश्याम लोधी का जीत दर्ज करना एक बड़ी उपलब्धि है।