मन-वचन में कुटिलता न होना ही उत्तम आर्जव धर्म
पर्यूषण पर्व का तृतीय दिवस उत्तम आर्जव धर्म के रूप में मनाया गया।

मुरादाबाद, जेएनएन: पर्यूषण पर्व का तृतीय दिवस उत्तम आर्जव धर्म के रूप में मनाया गया। सवेरे सभी जैन धर्मावलंबी श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर बिलारी में एकत्र हुए। पुरुषों ने बेदी में विराजमान भगवान जी की सभी प्रतिमाओं का प्रासुक जल से अभिषेक किया। इसके उपरात श्री शातिनाथ भगवान की शाति धारा की गई।
नित्य नियम पूजन के बाद सोलह कारण, पंचमेरू, णमोकार मंत्र आदि की सामूहिक पूजा की गई। विमला जैन ने कहा हे भव्य जीव कपट रूप व्यवहार तुम कभी मत करो। सदैव अपने मन, वचन, काया को एक रखो। अपना चंचल चित रोकने के लिए आर्जव का सहारा लो। मन वचन की सरलता अर्थात कुटिलता का न होना ही उत्तम आर्जव धर्म है। अरहन्त देव कहते हैं देखो एक बार मायाचारी करने से मर्दुमती नाम के मुनिराज को तिर्यच गति के दुख सहन करने पड़े थे। पूजा अर्चना में रीता जैन, रेखा जैन, शिल्पी जैन, परी जैन, आशा जैन, निधि जैन, अन्वी जैन, शशि जैन, पूजा जैन, सुरभि जैन, लवी जैन, राकेश जैन, कौशल जैन, संजय जैन, समीर जैन, शशाक जैन, विपुल जैन, रजत जैन, यश जैन, राकेश कुमार जैन एडवोकेट आदि रहे।
देश की खुशहाली के लिए शातिधारा
संसू, कुंदरकी: जैन मंदिरों में पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। रविवार को क्षेत्र के नगर व गाव हरियाना स्थित जैन मंदिरों में उत्तम आर्जव धर्म के रूप में मनाया गया। हरियाना स्थित नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में अनिल जैन ने सुबह भगवान श्री जी का अभिषेक किया। शांतिधारा कर देश की खुशहाली की कामना की गई। वहीं नगर के मुख्य बाजार स्थित श्री अजितनाथ चेत्तलाय में हिमाशु जैन, अंकुर जैन, ग्रन्थ जैन ने प्रक्षाल के उपरात पूजा अर्चन की। कुलवंत राय जैन ने बताया कि कपट को मिटाना जीवन में सरलता धारण करना, जो सोचना वही कहना, जो कहना सो करना ही उत्तम आर्जव है। धोखा खाना बुरी बात नहीं है, किसी को धोखा देना बुरी बात है। अगर धर्म में प्रवेश करना है तो सीधा और सरल होना ही पड़ेगा। मुहल्ला कायस्थान स्थित चन्द्रप्रभु जैन मंदिर में सोनू जैन, राजीव जैन, आशीष जैन, तनिष्क जैन ने भगवान का अभिषेक व पूजा अर्चना कराई।
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