Road Safety: मुरादाबाद की सड़कों पर चलना जरा संभलकर, ऊबड़-खाबड़ रास्ते और अवैध कट न काट दें जीवन की डोर
Road Safety With Jagran मुरादाबाद की तीन सौ किमी की सड़कों पर 17 ब्लैक स्पाट (जानलेवा स्थान) हैं। सुरक्षित यातायात के महाभियान में दैनिक जागरण की टीम ...और पढ़ें

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Road Safety With Jagran: जनपद की सड़कें सुरक्षित सफर के मानकों पर खरी नहीं उतरती हैं। इनपर चलते हुए छोटी सी गलती आपके जीवन पर भारी पड़ सकती है। सड़क निर्माण करने वाली संस्थाओं की लापरवाही के चलते पग-पग पर सावधानी हटी और दुर्घटना घटी वाली स्थिति है। सड़कों में गड्डे तो इतने कि गिनती भूल जाएं। कहीं कई गतिरोध हैं तो कहीं अवैध कट। खतरनाक मोड़ भी हादसे का कारण बनते हैं जहां साइनबोर्ड तक नहीं। प्रमुख मार्गों से संपर्क मार्गों को ऐसे जोड़ा गया है कि दुर्घटना को टालना असंभव है। मुरादाबाद की तीन सौ किमी की सड़कों पर 17 ब्लैक स्पाट (जानलेवा स्थान) हैं। सुरक्षित यातायात के महाभियान में दैनिक जागरण की टीम ने जब जनपद की 330 किलोमीटर सड़कों की पड़ताल की तो यह सच सामने आया।
मुरादाबाद से जिम कार्बेट पार्क नेशनल हाईवे जर्जर हालत में मिला। मुरादाबाद से निकलते ही रामगंगा नदी पर बने पुल की ऊपरी परत उधड़ चुकी है। 15 किमी के बाइपास पर आठ मोड़ 90 डिग्री वाले हैं। इस्लामनगर को छोड़कर कहीं साइनबोर्ड नहीं है। मुरादाबाद जिम कार्बेट नेशनल हाईवे पर उत्तराखंड की सीमा तक गड्ढे गिने नहीं जा सकते। कई स्थानों पर गड्ढे एक फीट गहरे हो चुके हैं। इस रोड पर आए दिन हादसे होते हैं और साल भर में औसतन 30 लोग अपनी जान गंवाते हैं। खास बात यह कि मुरादाबाद की सीमा में कहीं डिवाइडर नहीं है, जबकि उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करते हए रोड पर डिवाइडर मिलता है।
नेशनल हाईवे पर रामपुर की ओर जाते हुए दलपतपुर जीरो प्वाइंट ब्लैक स्पाट है। यहां सुरक्षा के लिए साइनबोर्ड तो लगे हैं, पर रोड इंजीनियरिंग का सबसे खराब उदाहरण बन चुका दोराहा हर साल 20 से 25 लोगों की जान ले लेता है। अब यहां फ्लाईओवर बनाए जाने की संस्तुति हो चुकी है। आगे चलने पर स्योहारा बाजे और गणेश घाट दो ब्लैक स्पाट और हैं। रामपुर तक कुल पांच अवैध कट हैं। मुरादाबाद से कुंदरकी, डींगरपुर-पाकबड़ा मार्ग पर कुल छह ब्लैक स्पाट, तीन खतरनाक मोड़ हैं। पूरे रास्ते में कहीं भी डिवाइडर नहीं है।
सड़क है या तालाब
गूलर चौराहे से शुरू होकर डींगरपुर तक गड्ढे होने की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। गूलर चौराहे के आसपास की दुकानों पर ग्राहक नहीं आते। गड्ढों में इतना पानी भरा हुआ है कि तालाब जैसे नजर आते हैं। इसी तरह डींगरपुर- पाकबड़ा मार्ग पर भी गहरे गड्ढे होने के कारण वाहनों का निकलना मुश्किल हो रहा है। निर्यातकों को एसईजेड से आने-जाने में परेशानी होती है।
अवैध कट तोड़ रहे जिंदगी की डोर
मुरादाबाद संभल रोड पर डिवाइडर तो बना दिया गया है, लेकिन सड़क संकरी है। सिरसी से बिलारी और बिलारी से मुरादाबाद तक के सफर में 47 अवैध कट मिले जिसके चलते कुल 32 दुर्घटना बहुल क्षेत्र बन गए हैं। 60 किमी की दूसरी ओर में रांग साइड ड्राइविंग वाले ताहरपुर नानकार, फरीदपुर मोड़, डींगरपुर तिराहा, मैनाठेर थाना कट, सोनकपुर मध्य गंगा नहर पुलिया, बिलारी हाथीपुर चित्तू गांव मोड़ और जलालपुर चौराहा पर मिलते हैं। 89 गड्ढे हैं जो वाहन को डेंट दे सकते हैं। पाकबड़ा से शेरूवा चौराहा तक का सफर किसी यातना से कम नहीं है। गड्ढों भरी सड़क पर मोड़ ही मोड़ हैं। अनगिनत गुजरते ट्रक के बीच कार या बाइक सवार अपनी जान हथेली पर रखकर गुजरते हैं। पाकबड़ा से मुरादाबाद से आते हुए मझोला थाना के नजदीक गांगन पर लोहे का पुल जर्जर हो चुका है। दूसरे पुल की सेफ्टी वाल टूट चुकी है।
कहां से कहां तक चले
कांठ रोड कोठीवाल डेंटल कालेज से मुरादाबाद जिम कार्बेट रोड पर उत्तराखंड बार्डर तक, ठाकुरद्वारा से करनपुर चौराहा हाेते हुए डिलारी दोराहा, रामपुर दोराहा होते हुए मुरादाबाद, रामपुर रोड पर रेलवे स्टेशन से नेशनल हाईवे होते हुए रामपुर बार्डर तक, ट्रांसपोर्टनगर से कुंदरकी, डींगरपुर, पाकबड़ा से मुरादाबाद, मुरादाबाद संभल रोड पर सिरसी, सिरसी से बिलारी तक, बिलारी से मुरादाबाद तक। अकबर के किले से हनुमान मूर्ति हाेते हुए नेशनल हाईवे बाइपास से पाकबड़ा शेरूवा चौराहा से कांठ रोड रामंगगा विहार तक।
किन विभागों की सड़कें : एनएचएआइ, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम और मुरादाबाद विकास प्राधिकरण
विशेषज्ञों की सलाह
दैनिक जागरण की टीम के साथ गए विशेषज्ञ डीके गर्ग, शेखर सिंह, मुहम्मद शाकिब कदीर, अफजाल अहमद, विनीत जादौन ने मिलकर कई ऐसे स्थान चिह्नित किए, जिनपर तत्काल कार्य कराने की जरूरत है। सभी ब्लैैक स्पाट के अलावा गागन पुल, मनुआ मोड़, डिलारी दोराहा, गूलर चौराहा पर सड़क सुधार के साथ ही उन्हें चौड़ा किया जाना चाहिए। अवैध कट बंद कराने के साथ ही तीव्र मोड पर साइनबोर्ड लगे, वह रात में चमकने वाले होने चाहिए। इसके अलावा रास्तों के किनारे पड़ने वाली छोटे पुल और पुलिया के नजदीक उग आईं झाड़ियों को हटाया जाना चाहिए। सभी पुल पर मेस्ट्रिफ सर्फेस बिछाई जाए।
यह है मुरादाबाद का हाल
- ब्लैक स्पाट - 17
- अवैध कट - 62
- दुर्घटना बहुल क्षेत्र - 46
- सड़क टूटी - 122
- सूचना बोर्ड ठीक नहीं - 41
- रांग साइड ड्राइविंग वाले स्पाट - 18
- मार्ग किनारे शराब की दुकानें - 19
- खतरनाक मोड़ - 33
- गड्ढे - 1100 से अधिक
- एंबुलेंस सुविधा - टोल प्लाजा पर
- प्राथमिक उपचार - आठ पीएचसी
- सड़क किनारे ट्रामा सेंटर - नहीं
- इस साल हादसों में मौत - 256
- घायल हुए - 413

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