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    बेटी के लिए रिश्‍तों में जंग... माता-पिता लगा रहे बेटी को बंधक बनाने का आरोप, मौसी-मौसा बोले- हमें मिली अभिरक्षा

    By Vivek BajpaiEdited By:
    Updated: Tue, 23 Aug 2022 04:07 PM (IST)

    Battle for daughter मूल रूप से नया मुरादाबाद में रहने वाले फौजी यशवीर सिंह की वर्तमान में तैनाती राजस्थान के बाड़मेर में है। उनकी पत्नी शैली यहीं मुरादाबाद में रहती हैं। उनका आरोप है कि गजरौला निवासी उनके साढ़ू श्यामवीर व साली ममता ने उनकी बेटी को बंधक बनाया है।

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    Battle for daughter: बाल कल्‍याण समिति भी मामले पर नजर रखेे हुए है। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    अमरोहा, जागरण संवाददाता। Battle for daughter:  14 साल की बेटी किसके साथ रहेगी यह उसकी इच्छा पर निर्भर है। परंतु तीन माह की उम्र से लालन-पालन करने वाले श्यामवीर सिंह व ममता देवी (किशोरी के मौसी-मौसा) का दावा है कि हाईकोर्ट ने फिलहाल बेटी को उनकी अभिरक्षा में रखने का आदेश दे दिया है। वहीं किशोरी के जैविक पिता यशवीर सिंह व मां शैली भी लगातार बेटी को हासिल करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। वह बेटी को बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाने के साथ ही उसके शैक्षिक प्रमाण पत्रों में भी माता-पिता का नाम गलत दर्ज कराए जाने का आरोप लगा रहे हैं।

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    मूल रूप से नया मुरादाबाद में रहने वाले फौजी यशवीर सिंह की वर्तमान में तैनाती राजस्थान के बाड़मेर में है। उनकी पत्नी शैली यहीं मुरादाबाद में रहती हैं। उनका आरोप है कि गजरौला निवासी उनके साढ़ू श्यामवीर सिंह व साली ममता ने उनकी बेटी को बंधक बनाकर रखा है। बेटी को धमकाते हैं तथा मिलने नहीं देते। इसके लिए यशवीर सिंह ने एसपी अमरोहा, एसपी मुरादाबाद व बाल कल्याण समिति के साथ ही मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है।

    मंगलवार को दैनिक जागरण से बात करते हुए यशवीर सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी का जन्म जनवरी 2008 में जयपुर के मिलिट्री अस्पताल में हुआ था। जयपुर से तबादला होने के बाद वह पत्नी शैली व तीन माह की बेटी को लेकर साढ़ू श्यामवीर सिंह के घर गजरौला आ गए थे। यहां पर ही बेटी का लालन पालन हुआ। वर्ष 2012 में वह पत्नी को लेकर हरियाणा के हिसार चले आए थे।

    बेटी का प्रवेश गजरौला के एक स्कूल में करा दिया था। आरोप लगाया कि साढ़ू श्यामवीर सिंह ने बेटी की शिक्षा का हवाला देते हुए उसे वहीं रोक लिया था। उस समय से अब तक वह बेटी की फीस जमा कर रहे हैं। छह महीना पहले तक बेटी से बात होती थी, लेकिन अब बात नहीं करने दी जा रही है। बेटी के शैक्षिक प्रमाण पत्रों में भी यशवीर सिंह व शैली के स्थान पर माता-पिता के रूप में श्यामवीर व ममता का नाम दर्ज कराए जाने का आरोप लगाया है।

    मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर भी बेटी को वापस नहीं दिलाया गया है। वहीं श्यामवीर सिंह भी कहते हैं कि यशवीर सिंह व शैली ही बेटी के जैविक माता-पिता हैं। परंतु बीते 14 साल से उन्होंने बेटी की सुध नहीं ली। वह हमें ही माता-पिता मानती है। हम परवरिश कर रहे हैं। अब बेटी बड़ी हो गई है। उसकी इच्छा पर निर्भर है कि वह किसके साथ रहेगी।

    कहा कि यशवीर सिंह द्वारा हमारे विरुद्ध कई बार वाद दायर किए गए हैं। इसके लिए मैंने भी अदालत की शरण ली थी। दावा किया कि 17 अगस्त को हाईकोर्ट ने बेटी की अभिरक्षा का आदेश हमारे पक्ष में कर दिया है। अदालत के आदेश के साथ ही यह बेटी की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह क्या चाहती है। उसे बंधक बनाकर रखने की बात निराधार है।

    नियमानुसार कार्रवाई कर रही बाल कल्याण समिति

    बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अतुलेश भारद्वाज ने कहा कि गजरौला की बेटी का मामला संज्ञान में है। समिति नियमानुसार कार्रवाई कर रही है। यशवीर सिंह द्वारा मानवाधिकार आयोग के समक्ष मामले ले जाने के बाद समिति ने श्यामवीर सिंह को नोटिस देकर बुलाया था। बेटी भी एक बार समिति के समक्ष आई थी। परंतु बयान दर्ज नहीं हो सके थे। श्यामवीर सिंह ने हाईकोर्ट से अभिरक्षा मिलने संबंधी मौखिक जानकारी दी है। आदेश मिलने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई होगी।