उत्तर प्रदेश में किसानों की आमदनी दोगुना कराएगी बासमती धान की खेती, जानिये कैसे
Basmati paddy cultivation will double the income of farmers बासमती चावल को सरकारी खरीद केंद्रों पर नहीं खरीदा जाता। लेकिन विदेश में इसकी मांग बढ़ती जा रही है। कीटनाशक दवाओं का अधिक प्रयोग प्रयोग न होने पर बासमती की क्वालिटी में सुधार हो सकता है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Basmati paddy cultivation will double the income of farmers : बासमती चावल को सरकारी खरीद केंद्रों पर नहीं खरीदा जाता। लेकिन, विदेश में इसकी मांग बढ़ती जा रही है। कीटनाशक दवाओं का अधिक प्रयोग प्रयोग न होने पर बासमती की क्वालिटी में सुधार हो सकता है। निर्यातकों ने भी बासमती का निर्यात बढ़ाकर किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए क्वालिटी में सुधार करने का सुझाव दिया है। सरकार ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
अमृत महोत्सव के तहत उत्तर प्रदेश बासमती निर्यात के लिए किसानों को जागरूक करने का काम कर रहा है। इसे लेकर 31 अगस्त को पंचायत भवन सभागार में कार्यशाला होगी। इसमें किसानों को चावल की क्वालिटी सुधारने के लिए टिप्स दिए जाएंगे। बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट, फाउंडेशन, मोदीपुरम मेरठ द्वारा खरीफ में बासमती चावल के कीटनाशी अवशेषमुक्त उत्पादन करने के लिए कोशिश होनी है। उप कृषि निदेशक सीएल यादव ने बताया कि बासमती चावल कम दामों में बिकने की वजह से किसानों ने पैदावार कम कर दी थी। लेकिन, अब चावल का निर्यात होने लगा है।
किसानों को बासमती की खेती में कीटनाशक दवाओं का कम इस्तेमाल करना है। इसके लिए टिप्स देने के लिए कृषि विश्वविद्यालय, मेरठ और बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फाउंडेशन के विशेषज्ञ मुरादाबाद आ रहे हैं। बासमती धान की खेती करने वाले किसानों को जैविक खाद का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। निर्यात बढ़ने से किसानों को बासमती के दाम अच्छे मिलेंगे। इससे उनकी आमदनी भी बढ़नी तय है। इसलिए किसानों को बासमती धान का रकवा बढ़ाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
वर्ष 2020-21
फसल का नाम लक्ष्य(हेक्टेयर)
हाइब्रिड संकर 16000
बासमती 31000
अन्य धान 52107
वर्ष 2021-22
फसल का नाम लक्ष्य(हेक्टेयर)
हाइब्रिड संकर 15000
बासमती 30000
अन्य धान 50180
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।