बिहार चुनाव में आखिर क्यों नहीं गए आजम खान? सपा नेता ने बताई ये वजह
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने बिहार में सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण वहां जाने में असमर्थता जताई है। उन्होंने बिहार में जंगलराज होने की बात कही और लोकतंत्र को बचाने की बात कही। उन्होंने कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों से एकजुट रहने की अपील की ताकि उनकी ताकत बनी रहे। उन्होंने कहा कि देश को बचाने के लिए न्याय और इंसानियत जरूरी है।
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आजम खान। जागरण
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मेरे पास सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है। सुना है कि बिहार में जंगलराज है, वहां बिना सुरक्षा के मैं कैसे जा सकता हूं। वहां लोकतंत्र और इंसानियत को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। उम्मीद है कि इस बार बिहार से जंगलराज खत्म होगा।
आजम खान ने कहा, देनी है तो पूरी सुरक्षा दो
रविवार को आजम खान कुंदरकी में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। बिहार न जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य सरकार ने वाई-श्रेणी की सुरक्षा दी थी, मगर उन्होंने लिखित रूप से सरकार से पूछा कि यह सुरक्षा आखिर क्यों दी गई। बोले, मैंने कहा कि अगर देनी है तो पूरी सुरक्षा दो। आधी-अधूरी सुरक्षा का कोई मतलब नहीं। अगर सरकार मुझे खतरा मान भी रही है तो सुरक्षा देने में यह सब करने का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि वहां जाना नहीं हो रहा है तो क्या हुआ।
बिहार के बारे में कही ये बात
आजम खान ने कहा, कि आपके माध्यम से ही बिहार के मतदाताओं को संदेश दिया जा सकता है। खासकर कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों को एकजुट रहने की जरूरत है। कमजोरों और अल्पसंख्यकों का वोट बंटना नहीं चाहिए। अगर हम बंट गए तो हमारी ताकत खत्म हो जाएगी। बंद मुट्ठी में जो ताकत होती है, खुली मुट्ठी में नहीं है। मतदाताओं से जज्बाती अपील करते हुए आजम खान ने कहा कि बिहार के लोगों से कहता हूं कि जज्बाती बातों में मत आना, किसी के धोखे में मत पड़ना। यह देखना है कि बंटने में फायदा है या एकजुट रहने में। अगर हम खुद को बांट लेंगे तो फिर कभी जुड़ नहीं पाएंगे।
आजम खान ने कहा, हमारा मकसद लोकतंत्र को बचाना है
औवैसी से जुड़े सवाल पर आजम खान ने कहा कि यह सवाल उनसे पूछिए। हमारा मकसद लोकतंत्र को बचाना है, मैं इत्तेहाद (एकता) चाहता हूं। बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पीएम, सीएम हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है। हमारे देश में राष्ट्रपति भी रहे हैं। मगर ओहदा नहीं, मुल्क बचाना जरूरी है। जम्हूरियत बचे, इंसानियत कायम रहे, हैवानियत और जुल्म का खात्मा हो। आजम खां ने कहा कि देश के हालात में सुधार तभी आएगा जब कानून के नाम पर धोखा बंद होगा और असली न्याय की परंपरा मजबूत होगी। बोले. हमें ऐसी सियासत चाहिए जो इंसान को जोड़ने का काम करे, बांटने का नहीं।

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